BSF के आईजी ने एबीपी न्यूज़ से कहा- फोर्स के नए अधिकार-क्षेत्र से राज्य सरकारों के अधिकारों पर नहीं होगा अतिक्रमण
बीएसएफ के आईजी (ऑपरेशन्स) सोलोमन यश मिंज़ ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में दावा किया कि फोर्स को मिले नए अधिकार क्षेत्र से राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं होगा.
बीएसएफ को मिले नए अधिकार-क्षेत्र से राज्य सरकारों के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होगा. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एक्ट में बदलाव बीएसएफ को सीमावर्ती-क्षेत्रों में होने वाले अपराधों को कम करने और सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है. ये दावा बीएसएफ के आईजी (ऑपरेशन्स) सोलोमन यश मिंज़ ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में की.
दरअसल, 11 अक्टूबर को गृह मंत्रालय ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एक्ट में बदलाव कर बीएसएफ के अधिकार-क्षेत्र को कुछ राज्यों में बढ़ा दिया था, तो कुछ में कम कर दिया था. नए एक्ट के तहत पंजाब, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल में बीएसएफ का अधिकार-क्षेत्र अब सीमा (बॉर्डर) से 50 किलोमीटर कर दिया गया है. पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक्ट में बदलाव से पहले तक बीएसएफ का क्षेत्र मात्र 15 किलोमीटर था, जबकि गुजरात में 80 किलोमीटर था.
नए एक्ट में संशोधन के साथ ही उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्रफल बीएसएफ का अधिकार-क्षेत्र रहेगा. बीएसएफ भारत का अग्रणीय सीमा प्रहरी बल है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटी सीमाओं की रखवाली करता है.
बीएसएफ के आईजी सोलोमन यश मिंज़ ने क्या कहा?
- सभी राज्यों में बराबर अधिकार क्षेत्र किया गया है, अलग अलग की बजाए. अब सभी बड़े राज्यों में 50 किलोमीटर तक अधिकार-क्षेत्र कर दिया गया है. उत्तर-पूर्व के राज्य और जम्मू-कश्मीर/लद्दाख में पूरी इलाका बीएसएफ का अधिकार-क्षेत्र होगा.
- बीएसएफ एक्ट में संशोधन से राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होगा. बीएसएफ सहित सभी अर्द्धसैनिक बल राज्यों के पुलिसबलों के समन्वय के साथ ही अपनी ड्यूटी करती हैं. सिर्फ बॉर्डर-क्राइम पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है.
- गुजरात में इस नए एक्ट में बदलाव से पहले 80 किलोमीटर तक बीएसएफ का अधिकार-क्षेत्र था. लेकिन कभी भी राज्य पुलिस के साथ टकराव की कोई परिस्थिति नहीं बनी. अब वह कम करके 50 किलोमीटर कर दिया गया है.
- नए अधिकारों से नारकोटिक्स एक्ट, आर्म्स एक्ट और कस्टम एक्ट में कोई बदलाव नहीं आया है.
- सिर्फ सीआरपीसी में बदलाव किया गया है. इसके अलावा पासपोर्ट एक्ट में बदलाव किया गया है.