सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक पूर्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी की अपील को खारिज कर दिया, जिन्हें ड्यूटी के दौरान नशे की हालत में पाए जाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए अधिकारी की जमकर फटकार लगाई.


सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा, "आप ड्यूटी के दौरान नशे में पाए गए, इसलिए सजा कठोर मिलनी चाहिए." बता दें कि बीएसएफ कांस्टेबल को दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था. मेघालय हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बीएसएफ कांस्टेब की अपील को पूरी तरह से निराधार और समय की बर्बादी बताया था.


'ऐसे अपराध हैं, जिनमें हम शामिल नहीं हो सकते'


आज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "आप बॉर्डर अधिकार हैं और नशे में दोषी पाए जाने को स्वीकर किया है." वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा कि हाई कोर्ट ने सीमा बल के नियमों का पालन नहीं किया. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "आप ड्यूटी के दौरान नशे में थे. सजा कठोर होनी चाहिए. ऐसे अपराध हैं, जिनमें हम शामिल नहीं हो सकते."


मेघालय हाई कोर्ट ने कहा था कि अपीलकर्ता को उसके खिलाफ लगाए गए सभी चार आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. रिट याचिका इस तरह से बनाई गई थी कि आरोपों के पहले सेट से संबंधित कागजात रिट याचिका में संलग्न थे, लेकिन अन्य कागजात नहीं थे. याचिकाकर्ता ने दो छोटे आरोपों के संबंध में अपना अपराध स्वीकार कर लिया था.


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