बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स की फायरिंग में बीएसएफ का एक जवान शहीद, एक घायल
इस घटना को लेकर बीएसएफ ने बीजीबी के आला अधिकारियों से कड़ा ऐतराज जताया है. फायरिंग में गोली विजय भान सिंह के सिर में लगी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
नई दिल्ली: बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स की फायरिंग में आज बीएसएफ का एक जवान शहीद जबकि दूसरा जवान घायल हो गया. बंगाल फ्रंटियर में पदमा नदी में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश यानी बीजीबी और बीएसएफ के जवान फ्लैग-मीटिंग कर रहे थे उसी दौरान बात बिगड़ने पर गुस्साए बीजीबी के जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी. बीएसएफ ने इस बारे में बीजीबी के आला-अधिकारियों से संपर्क कर कड़ा ऐतराज जताया है.
जानकारी के मुताबिक, गुरवार की सुबह तीन मछुआरे पदमा नदी में मछली पकड़ने गए थे. उसी दौरान बीजीबी के जवानों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. बाद में दो मछुआरों को ये कहकर छोड़ दिया कि वे बीएसएफ पोस्ट पर जाकर फ्लैग मीटिंग का संदेश दें उसके बाद ही वे तीसरे मछुआरे को छोड़ेंगे.
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सुबह करीब 10.30 बजे बीएसएफ की काकमारिचर पोस्ट के कमांडर अपने चार जवानों के साथ फ्लैग मीटिंग के लिए पहुंचे. लेकिन उसी दौरान बीजीबी के जवानों ने बीएसएफ के दल को घेरने की कोशिश की. अपने को घिरता देख बीएसएफ का दल अपनी सीमा की तरफ लौटने लगा. लेकिन पीछे से बीजीबी के जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी.
फायरिंग में एक गोली हेड कॉन्स्टेबल विजय भान सिंह के सिर में लगी जबकि एक गोली एक दूसरे जवान के हाथ में लगी. दोनों को करीब के ही अस्पताल ले जाया गया जहां विजय भान सिंह की मौत हो गई. विजय भान सिंह उत्तर प्रदेश के फिरोजबाद के रहने वाले थे.
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बीएसएफ प्रवक्ता के मुताबिक, इस घटना को लेकर बीएसएफ ने बीजीबी के आला अधिकारियों से कड़ा ऐतराज जताया है और घटनास्थल पर ही बीएसएफ के सीनियर अधिकारी मौजूद हैं. जिस भारतीय मछुआरे के लिए फ्लैग मीटिंग बुलाई गई थी वो अभी भी बांग्लादेश की हिरासत में है.
गौरतलब है कि साल 2001 में मेघालय कए बोराईबारी में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश की फायरिंग में बीएसएफ के 16 जवानों की जान चली गई थी. उसके बाद से दोनों देशों की सीमा सुरक्षाबल के महानिदेशक हर छह महीने में एक बार वार्ता करते हैं लेकिन गुरूवार की घटना से साफ है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर सबकुछ ठीक नहीं है.
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