India Bangladesh Border: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शनिवार (11 जनवरी) को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24-परगना और नादिया जिलों में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ की कोशिशों को विफल कर दिया. बीएसएफ के जवानों ने उत्तर 24-परगना में बिना बाड़ वाले भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) से 20 बांग्लादेशियों और दो रोहिंग्याओं को घुसने से पहले ही वापस खदेड़ दिया. इसके साथ ही नादिया जिले से चार बांग्लादेशियों को भी सीमा पार करने से रोका गया.
बीएसएफ के प्रवक्ता एन के पांडे के अनुसार घुसपैठियों से पूछताछ करने पर ये जानकारी मिली कि वे मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में मजदूरी और हाउसकीपिंग के काम के लिए जा रहे थे. सभी को सीमा पार भेजने के बाद बीएसएफ ने इस मामले में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ फ्लैग मीटिंग भी की, लेकिन घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं.
तस्करी के प्रयासों को नाकाम किया गया
बीएसएफ ने दिनभर सीमा पर तस्करी के कई प्रयासों को नाकाम किया. बीएसएफ के जवानों ने नारकोटिक्स और मवेशियों की तस्करी की कोशिशों को विफल करते हुए तीन किलो गांजा, क्विनाइन सल्फेट की 2,900 पट्टियां, क्विनाइन डाइहाइड्रोक्लोराइड की 700 एम्पुल्स और आर्टेमीथर की 1,200 एम्पुल्स जब्त की. इसके अलावा 11 मवेशियों को भी तस्करों से मुक्त कराया गया.
नदी किनारे से दो पैकेट नारकोटिक्स जब्त
सीमा के नदी क्षेत्र में नारकोटिक्स की तस्करी की कोशिश की जानकारी मिलने के बाद बीएसएफ ने सभी नाव नाकों को अलर्ट किया. शाम को सी एस खली सीमा चौकी के जवानों ने नदी के तटबंध के पार एक व्यक्ति को देखा, लेकिन वह भाग गया. तस्कर की ओर से छोड़े गए नारकोटिक्स के दो पैकेट जब्त कर लिए गए. इसके अलावा बीएसएफ की 119वीं बटालियन ने मालदा जिले में 565 बोतल फेंसेडिल जब्त किया और 88वीं बटालियन ने आठ मवेशियों को तस्करी से रोका.
घुसपैठ के प्रयासों को विफल करने के लिए BSF सतर्क
बीएसएफ ने जब्त की गई वस्तुओं को संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया है और मवेशियों को ई-टैगिंग के बाद गौशाला में भेज दिया गया. बीएसएफ आईबीबी के साथ तस्करी और घुसपैठ को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है और किसी भी घुसपैठ के प्रयास को विफल करने के लिए सतर्क है.
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