BSNL-MTNL को घाटे से उबारने के लिए होगा विलय, सरकार करेगी 29,937 करोड़ का निवेश
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार दोनों कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने घाटे में चल रही पब्लिक टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल को लेकर बड़ा फैसला किया है. सरकार ने इन दोनों कंपनियों को घाटे उबारने के लिए इनके विलय का फैसला किया है. सरकार दोनों कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक लिये गये फैसलों के बारे में दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी दी. फैसले के मुताबिक आर्थिक तंगी के गुजर रही बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए पुनरुत्थान योजना के तहत सरकारी बांड जारी किये जायेंगे, संपत्तियों का मौद्रीकरण होगा और कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की जाएगी.
प्रसाद ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय किया जाएगा. दोनों कंपनियों का विलय होने तक, एमटीएनएल प्रमुख दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की सब्सिडिरी के तौर पर काम करेगी.
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सरकार की ओर से तय की गई योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड जारी किए जाएंगे और अगले चार साल में 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बिक्री या उसे पट्टे पर दिया जाएगा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लागत में कटौती के लिये कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लायी जाएगी.