एसपी-बीएसपी गठबंधन रहेगा बरकरार, गेस्ट हाउस कांड के लिए अखिलेश नहीं हैं जिम्मेदार: मायावती
मायावती ने कहा कि फूलपुर-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त की वजह से वह बौखलाई हुई है. यही वजह थी की बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए जान लगा दी.
नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) उम्मीदवार की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है. मायावती ने कहा 'सरकारी आतंक' के माध्यम से विधायकों को डराया गया और धन्ना-सेठ अनिल अग्रवाल को जिताया गया.
गेस्ट हाउस कांड
मायावती ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि इसके लिए अखिलेश यादव जिम्मेदार नहीं हैं. उन्होंने कहा, ''बीजेपी 2 जून 1995 के गेस्ट हाउस कांड की याद दिला रही है. यह हत्या करने की साजिश थी. बीजेपी आज इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को आज बड़ा ओहदा देकर क्या साबित करना चाहती है? क्या वो हमारी हत्या चाहते हैं?''
गठबंधन रहेगा बरकरार
मायावती ने कहा कि फूलपुर-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त की वजह से वह बौखलाई हुई है. यही वजह थी की बीजेपी ने जीत के लिए जान लगा दी. ताकि बीएसपी और समाजवादी पार्टी की नजदीकी न बढ़े.
उन्होंने कहा, ''मैं बीजेपी एंड कंपनी को आगाह कर देना चाहती हूं कि एसपी-बीएसपी गठबंधन को तोड़ने की कोशिश में वह सफल नहीं होंगे. कल के परिणाम से एसपी-बीएसपी गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, एक इंच भी नहीं.''
I would like to tell BJP and company that their malpractices will not succeed in breaking the ties between SP and BSP. Yesterday's results have not affected the SP-BSP tie up in any way, not even by an inch: BSP Chief Mayawati pic.twitter.com/vVKR6TgmZq
— ANI UP (@ANINewsUP) March 24, 2018
बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, ''एसपी-बीएसपी ने मिलकर तय किया था कि राज्यसभा चुनाव में साथ रहेंगे. दोनों दलों ने कारगर रणनीति बनाई. जिससे बीजेपी को दिन में तारे नजर आने लगे हैं इस गठबंधन की वजह से.''
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि हमारे विधायकों को ईडी, सीबीआई का डर दिखाया गया. लेकिन हमारे विधायक डरे नहीं. एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की हमने विधायक को पार्टी से निलंबित कर दिया है.
उन्होंने कहा, ''बीजेपी ने जानबूझकर अपना एक अतिरिक्त उम्मीदवार अनिल अग्रवाल के रूप में उतारा. यह बीजेपी की पुरानी चाल है. वह धनबल का पूरा इस्तेमाल करती है. 10वें उम्मीदवार की वजह से ही विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की संभावना बनी.''