नई दिल्ली: बीएसपी प्रमुख मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. सभापति को भेजी तीन पेज की चिट्ठी में मायावती ने आज के राज्यसभा के पूरे वाक्ये का जिक्र करते हुए कहा कि मैं सहारनपुर हिंसा पर अपनी बात रखना चाहती थी कि लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया. आपको बता दें कि अगले साल मायावती का कार्यकाल खत्म हो रहा था.


इस्तीफे के बाद क्या बोलीं मायावती?
मायावती ने कहा, ''मैं दलित समाज से संबंध रखती हूं, सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात नहीं रखने दे रहा है. मैं जब बोल रही थी तब सरकार के मंत्री खड़े हो गए और मुझे बोलने नहीं दिया गया. मैंने इस देश के करोड़ों दलितों, पिछड़ों, मजदूरों और किसानों के हित में राज्यसभा के सभापति को इस्तीफा सौंपा है. जब सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात रखने का भी समय नहीं दे रहा तो मेरा इस्तीफा देना ही ठीक है.''


मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं होगा: सूत्र
सूत्रों के मुताबिक जब भी कोई राज्यसभा सदस्य इस्तीफा देता है तो निजी कारणों का हवाला देते हुए सिर्फ एक लाइन का इस्तीफा देता है. यह पहली बार हुआ है जब किसी सदस्य ने तीन पेज की चिट्ठी में कारण बताते हुए इस्तीफा दिया है. ऐसे में देखना होगा कि मायावती के इस्तीफे पर सभापति की क्या प्रतिक्रिया अपनाते हैं. सूत्रों के मुताबिक मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं होगा.


सुबह दी थी इस्तीफे की धमकी
संसद के मानसून सत्र में आज मायावती सहारनपुर हिंसा पर अपनी बात रखना चाहर रही थीं. इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि वो दलितों का मुद्दा उठा रही हैं इसलिए उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है. इसी के साथ सदन से वॉकआउट करते हुए मायावती ने धमकी दी थी कि वो राज्यसभा से इस्तीफा दे देंगी.


आज सदन में क्या हुआ ?
आज राज्यसभा में मायावती करीब तीन मिनट बोल चुकी थीं जिसके बाद चेयर ने उन्हें अपनी बात रोकने को कहा लेकिन मायावती बोलने के लिए और वक़्त दिए जाने पर अड़ी रहीं. इसके बावजूद डिप्टी चेयरमैन ने उन्हें मौका नहीं दिया. इसके बाद वो काफी गुस्से में आ गईं और राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी दे डाली.