नई दिल्लीः गरीब सवर्ण (आर्थिक रूप से पिछड़ी ऊंची जातियों) को आरक्षण देने के फैसले पर मोदी सरकार को मायावती का साथ मिल गया है. मायावती ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि वह आरक्षण बिल पर सरकार का समर्थन करेगी. हालांकि, इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना छलावा है. प्रेस कांफ्रेस के दौरान उन्होंने जोड़ा कि SC/ST की भी आरक्षण में हिस्सेदारी बढ़नी चाहिए.


आरक्षण बिल की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़ा करते हुए मायावती ने कहा कि यह फैसला पहले क्यों नहीं लिया गया.


मायावती ने कहा, ''हमारी पार्टी आरक्षण बिल पर सरकार का समर्थन करेगी. गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना छलावा है. SC/ST का आरक्षण भी बढ़ना चाहिए. सरकार को यह फैसला पहले लेना चाहिए था.'' हालांकि लोकसभा में बीएसपी के पास कोई सासंद नहीं है, जबकि राज्य सभा में 4 सांसद हैं.


बता दें कि सोमवार को मोदी कैबिनेट ने फैसला लिया था कि गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले के बाद कई विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को चुनावी जुमला बताया है.


गरीब सवर्णों को आरक्षण देने को लेकर कांग्रेस ने कहा, ''कांग्रेस हमेशा आर्थिक तौर से गरीबों के आरक्षण व उत्थान की समर्थक व पक्षधर रही है. दलित,आदिवासियों व पिछड़ों के संवैधानिक आरक्षण से कोई छेड़छाड़ न हो और समाज के गरीब लोग, वो चाहे किसी भी जाति या समुदाय से हों, उन्हें भी शिक्षा व रोजगार का मौका मिले.''


हालांकि तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी समेत कई क्षेत्रीय नेताओं ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. ममता ने कहा है कि मोदी सरकार का यह फैसला बेरोजगार के साथ छलावा है. वहीं AIMIM ने कहा है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि सरकार राफेल मामले में फंस चुकी थी उसी से बचने के लिए आरक्षण कार्ड खेला गया.


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