नई दिल्ली: सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल की राष्ट्रपति से हुई मुलाकात के बाद आज बहुजन समाज पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की मांग की.


बीएसपी सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य सभा सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने किया. राष्ट्रपति से मिलने के बाद सतीश चंद्र मिश्रा ने एबीपी न्यूज़ से खास बताचीत की और बताया कि उन्होंने पार्टी सुप्रीमो मायावती की मांग के मुताबिक राष्ट्रपति से नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की है और इस बात उन्हे एक मेमोरेंडम भी दिया. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रपति ने उनकी बात गौर से सुनी और अब उनको राष्ट्रपति के अगले कदम का इंतजार रहेगा.


जब एबीपी न्यूज़ ने सतीश चंद्र मिश्रा से पूछा कि गृह मंत्री अमित शाह ने कल भी स्पष्ठ किया है कि ये कानून भारत में रह रहे किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता लेने का नहीं बल्कि विस्थापितों को नागरिकता देने का कानून है, तो बीएसपी नेता ने कहा कि ये संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है क्योंकि ये नागरिकता को धर्म से जोड़ता है. जिसकी इजाजत संविधान नहीं देता. सतीश मिश्रा ने कहा कि या तो ये सरकार संविधान और प्रियमबल ही बदल देती. सतीश मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर लगी विभिन्न याचिकाओं के याचिकाकर्ताओं में साथ मिलकर बीएसपी भी अदालती कार्रवाई करेगी.


ये पूछे जाने पर कि कल आए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बीएसपी क्यों नहीं शामिल हुई तो सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीएसपी और कांग्रेस सहयोगी दल नहीं है. उन्होंने कहा कि कल कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना भी नहीं थी. राष्ट्रपति से मिले बीएसपी के प्रतिनिधिमंडल में सतीश मिश्रा के अलावा लोक सभा में पार्टी के नेता दानिश अली और बाकी सांसद भी साथ थे.


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