बीएसपी की तरफ से जारी हुई प्रेस रिलीज़ में यह बातें कही गई हैं. प्रेस रिलीज़ में लिखा है, ‘’ एससी/एसटी एक्ट को लेकर ‘भारत बंद’ के दौरान राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी राज में जातिगत और राजनीतिक विद्वेष से जिन लोगों पर मुक़दमे हुए हैं, उन्हें ख़त्म नहीं किया गया तो फिर बीएसपी वहां की कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन वापस लेने पर विचार कर सकती है.
2019 में मिल कर चुनाव लड़ेंगे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी- रामगोपाल यादव
मायावती के इस बयान के मायने आंकड़ों से समझें
बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इन दोनों राज्यों में मायावती की बीएसपी ने कांग्रेस को बाहर से समर्थन दिया है. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, बीएसपी को दो और समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली थी. वहीं निदर्लियों के हिस्से चार सीटें आई थी. कांग्रेस बहुमत से दो सीट पीछे रह गई थी.
वहीं, राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, लेकिन चुनाव 199 सीटों पर हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस ने 99 और बीएसपी ने छह सीटें जीती थी. कांग्रेस बहुमत से एक सीट पीछे रह गई थी.
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