बीएसपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए इंद्रजीत सरोज
चार बार विधायक रह चुके पूर्व बीएसपी नेता ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के सभी नेताओं को आश्वस्त करते हैं कि हम इतनी मेहनत करेंगे कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में फिर से अखिलेश की सरकार बने.
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज गुरुवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और दूसरे वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सरोज, समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में देश में अघोषित आपातकाल है, वैसा ही हाल मायावती की कमान में बीएसपी के अंदर है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी में बोलने, उठने, बैठने की आजादी है. वह बिना किसी शर्त के समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. वह दलितों और दबे-कुचलों के संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे और हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर बीजेपी की पोल खोलेंगे.
प्रदेश की बीजेपी सरकार ने अपने शुरुआती छह महीने में कोई काम नहीं किया: इंद्रजीत सरोज
चार बार विधायक रह चुके पूर्व बीएसपी नेता ने कहा ‘‘हम समाजवादी पार्टी के सभी नेताओं को आश्वस्त करते हैं कि हम इतनी मेहनत करेंगे कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में फिर से अखिलेश की सरकार बने. वैसे, उससे पहले हम 2019 में इसका ट्रेलर दिखाएंगे. प्रदेश की बीजेपी सरकार ने अपने शुरुआती छह महीने में कोई काम नहीं किया. वह दूसरों के विषय में ही बात कर रही है. वे जनता को आगे भी ठगना चाहेंगे.’’
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा कि वह सदन में गरीबों, दलितों, पिछड़ों और मजलूमों की आवाज को पहुंचाने और लगातार जमीनी स्तर पर काम करने वाले सरोज और उनके तमाम साथियों का पार्टी में स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में आज शामिल हुए लोग इस पार्टी को अपना घर समझें. यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है और यहां वे अपनी बात रख सकते हैं. वे जिन मूल्यों के लिये संघर्ष करते रहे, इस पार्टी में भी वे उनके लिये जद्दोजहद करके लोगों को न्याय दिला सकते हैं.
हमारे नए साथी देश में नया उदाहरण पेश करेंगे: अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि आने वाले समय में जब कभी कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम होगा तो सही मायने में देखा जाएगा कि उत्तर प्रदेश की जनता किस तरफ जा रही है. हमें भरोसा है कि हमारे नए साथी देश में नया उदाहरण पेश करेंगे. वे गरीबों दलितों को न्याय दिलाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आखिर में लड़ाई तो समाजवादियों को ही लड़नी है. इतना काम होना बाकी है. मुकाबला ऐसे लोगों से हैं जिनके पास भ्रामक मुद्दे हैं. पता नहीं चुनाव आते आते कौन सा मुद्दा निकाल दें.
इंद्रजीत सरोज, बीएसपी के महत्वपूर्ण नेताओं में शामिल रहे हैं और वह पासी उपजाति के हैं, जिनकी संख्या उत्तर प्रदेश की दलित आबादी में 15 फीसदी है. बीएसपी के एक नेता ने हालांकि सरोज को अवसरवादी करार दिया और कहा कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती की वजह से सरोज जैसे लोग नेता बने पाए थे.
बीसएपी से बगावत करने वाले नेताओं की लिस्ट
बीएसपी में बगावत करने वाले नेताओं की लंबी सूची है. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, ब्रजेश पाठक और आर के चौधरी जैसे मायावती के करीबी लोगों ने बीएसपी छोड दी. मौर्य और पाठक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे और इस समय वे योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं. चौधरी और सिद्दीकी अब तक किसी दूसरे दल में शामिल नहीं हुए हैं.