नई दिल्ली: मऊ से बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी को जल्द ही पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश लाया जाएगा. इस बीच मुख्तार अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर फेक एनकाउंटर की आशंका जताई है.


वहीं पंजाब पुलिस ने आज मुख्तार अंसारी को मोहाली की एक अदालत में 2019 की कथित जबरन वसूली के मामले में पेश किया. इस दौरान मुख्तार अंसारी व्हील चेयर पर नजर आए.


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अप्रैल तय की. पेशी के बाद उसे एंबुलेंस से पंजाब के रूपनगर की जेल में वापस भेज दिया गया.


एंबुलेंस को लेकर विवाद


BSP के बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी को पंजाब में मोहाली की अदालत में जिस एंबुलेंस से लाया गया उस पर विवाद हो गया है. इस एंबुलेंस का नंबर यूपी का है. एक अस्पताल के नाम पर ये रजिस्टर्ड है. जो पता सरकारी रिकॉर्ड में उस जगह पर कोई अस्पताल नहीं है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि एंबुलेंस बुलेटप्रूफ़ है. जिसे आम तौर पर मुख़्तार के लोग ही चलाते हैं.


पंजाब के जेल मंत्री से सुखजिंदर रंधावा ने इसको लेकर कहा कि जेल गेट के बाहर पुलिस का काम है. एंबुलेंस और कोर्ट में पेश करने का काम पुलिस का है.


अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी


विवादों के बीच मुख्तार अंसारी की पत्नी ने अफशां अंसारी ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पति को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाने के दौरान उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने का आदेश देने की गुहार लगाई है.


अफशां अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में कहा है कि उनके पति एक मामले में चश्मदीद गवाह है जिसमें बीजेपी के विधान परिषद सदस्य माफिया बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह अभियुक्त हैं.


अफशां के अनुसार, ‘‘यह दोनों अभियुक्त सरकारी तंत्र की कथित मिलीभगत से अंसारी को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं, लिहाजा इस बात का खतरा महसूस हो रहा है कि पंजाब की जेल से बांदा लाए जाते वक्त रास्ते में फर्जी मुठभेड़ की आड़ में अंसारी की हत्या की जा सकती है. ’’


अफशां ने पत्र में कहा "उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ अधिकारियों के पूर्व में किए गए क्रियाकलापों से आवेदक का परिवार भयभीत है और अपने पति के जीवन की सुरक्षा के प्रति घोर चिंतित है. आवेदक को मिल रही पुख्ता सूचना और धमकी के कारण, ऐसा लगता है कि अगर मेरे पति के जीवन की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी तय किए बगैर उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा गया तो निश्चित रूप से कोई झूठी कहानी रच कर मेरे पति की हत्या करा दी जाएगी. इसलिए राष्ट्रपति से गुजारिश है कि वह उत्तर प्रदेश लाए जाते वक्त मेरे पति के ‘लाइफ प्रोटेक्शन’ का आदेश दें."


सुप्रीम कोर्ट का फैसला


हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि मेडिकल मुद्दों की आड़ में मामूली आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस को अंसारी को नहीं सौंपा जा रहा है.


शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि अभियुक्त हो या विचाराधीन कैदी, जो कानून का उल्लंघन करता है, एक जेल से दूसरी जेल में भेजे जाने का विरोध नहीं कर सकता और जब किसी दंड के भय के बिना कानून को चुनौती दी जा रही हो तब अदालतें असहाय नहीं हो सकती हैं.


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