Farmers Loan Waiver: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों की कर्जमाफी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. बसपा सांसद हाजी फजलुर रहमान और गिरीश चंद्र के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने इस बात की जानकारी दी. दोनों सांसदों ने सरकार से पूछा था कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों की ओर से साल 2019 और चालू वित्त वर्ष के दौरान छोटे एवं सीमांत किसानों को श्रेणीवार और बैंकवार लोन का प्रतिशत और धनराशि का ब्यौरा क्या है और क्या सरकार का विचार उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के अनुसूचित जाति एवं जनाजाति के लोगों तथा किसानों का कर्ज माफ करने का है?


बीएसपी सांसदों के सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा, ''भारत सरकार ने 2008 की कृषि लोन माफी और लोन राहत योजना के बाद किसी भी कृषि लोन योजना को क्रियान्वित नहीं किया है. देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के कृषकों सहित किसानों की कर्जमाफी संबंधी कोई प्रस्ताव भारत सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.''


इस दौरान मंत्री भागवत कराड ने सदन को यह भी जानकारी दी कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत किसानों के कल्याण और उन पर कर्ज का बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने किसान कल्याण योजना के तहत प्रति किसान सालाना छह हजार रुपये की सहायता समेत कई अन्य कदमों का भी उल्लेख किया.


वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार, कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को सात प्रतिशत प्रति वर्ष कम ब्याज दर पर कृषि लोन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तीन लाख रुपये तक की अल्पावधि फसल ऋण संबंधी ब्याज सहायता योजना का क्रियान्वयन किया जाता है.