UP Zila Parishad Polls: BSP सुप्रीमो मायावती ने 3 सदस्यों को पार्टी से निकाला, BJP प्रत्याशी का कर रहे थे समर्थन
UP Zila Parishad Polls: बसपा ने कहा कि सुशीला रानी, अग्नि विजय सिंह और सुमन रानी ने अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर यमुनानगर जिला परिषद के अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था.
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BSP Expelled 3 Party Members: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष (BSP Chief) मायावती (Mayawati) ने जिला परिषद के चुनावों (Zila Parishad Polls) में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बसपा (BSP) के तीन सदस्यों को पार्टी से निष्कासित (Expelled) कर दिया है. बसपा सुप्रीमो (BSP Supremo) ने यमुनानगर जिला परिषद (Yamuna Nagar Zila Parishad) सभापति चुनाव में बसपा के तीन प्रत्याशियों को बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन करने की वजह से पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
बसपा ने शनिवार को जारी किए गए एक बयान में कहा कि सुशीला रानी, अग्नि विजय सिंह और सुमन रानी ने अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर यमुनानगर जिला परिषद के अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया. इसके पहले 30 अक्टूबर को हुए चुनाव में यमुना नगर जिला परिषद के वार्ड 11, वार्ड 13 और वार्ड 16 से तीनों को सदस्य चुना गया था.
नए सियासी समीकरण की तलाश में बसपा
20 दिसंबर को बसपा विश्वनाथ पाल को बसका का उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया था. आने वाले चुनावों को देखते हुए अब बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदलकर दलित, पिछड़ा और मुस्लिम कॉम्बिनेशन बनाकर एक साथ लाने की जुगत में लगी है. मायावती ने इसी वजह से उत्तर प्रदेश में बसपा का नया प्रदेश अध्यक्ष चुनकर नया दांव खेलने का प्रयास किया है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो मायावती ने लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के सहारे भगवा वोटबैंक बढ़ाने की भाजपा की रणनीति को निशाने पर लिया है.
सपा को भी दी है चुनौती
अयोध्या के रहने वाले विश्वनाथ पाल ओबीसी समुदाय से हैं अब बसपा ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी के सहयोगी दलों अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के वोटरों में सेंधमारी की कोशिश की है. दूसरी ओर ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष के जरिये बसपा ने सपा को भी चुनौती देने का प्रयास किया है. हालांकि इससे पहले भी अति पिछड़ा राजभर समाज से बसपा का अध्यक्ष था.
मैनपुरी और खतौली के उपचुनाव में आए परिणामों को देखने के बाद मायावती ने बड़ा बदलाव किया है. हालांकि राजभर वोट बिदकने न पाए, इसके लिए मायावती ने भीम राजभर को बिहार का कोर्डिनेटर बनाकर इस वोट बैंक को बनाए रखने की कोशिश की है.
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