लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मामले को लेकर लगातार पार्टी और नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी अपनी बात रखी है. मायावती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर कहा कि केंद्र और यूपी सरकार इस हिंसा और वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराए.


नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में औप पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है. पार्टी पीड़ितों के साथ है.


ऐसे में उ.प्र. व केन्द्र सरकार को चाहिये कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराये और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए.


वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है. साथ ही, सभी साम्प्रदायों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें.


बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गया है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, सलमान खुर्शीद, कॉलिन गोंजाल्विस समेत कुछ वकीलों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने को कहा. इस पर मुख्य न्यायधीश बोबड़े ने कहा कि हम इस मामले में कल सुनवाई करेंगे, पहले हिंसा रुकना जरूरी है. पब्लिश प्रॉपर्टी का नुकसान बर्दाश्त नहीं कर सकते. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट में कहा- अलीगढ़ समेत पूरे देश मे शांतिपूर्वक विरोध कर रहे छात्रों पर कार्रवाई की जा रही है, उनके साथ हिंसा हो रही है. उन्हें कोर्ट की मदद है. आप संज्ञान लें. इस पर CJI ने कहा- हमें दिक्कत नहीं लेकिन जब हिंसा हो तो पुलिस क्या करे?


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