Monk Peace Walk: बौद्ध भिक्षुओं ने रविवार (16 जुलाई) को लद्दाख में 'पीस वॉक' में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने दुनिया में शांति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की सराहना की. साथ ही उन्होंने भारत में बौद्ध स्थलों के विकास को लेकर भी मोदी सरकार की तारीफ की.
विश्व शांति के लिए थाईलैंड के बौद्ध भिक्षुओं ने 32 दिवसीय का आयोजन किया था. रविवार (16 जुलाई) को का लद्दाख में इसका समापन हुआ. इसमें भारी संख्या में लोग पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक शांति निर्माता के रूप में सराहना की. भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी इसमें भाग लिया.
महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर (MIMC) के संस्थापक और अध्यक्ष भिक्खु संघसेना ने शांति मार्च के दौरान कहा, "पूरा विश्व इस समय अनेक चुनौतियों से गुजर रहा है. इसे एक महान नेता की जरूरत है जो पूरे विश्व में शांति, सद्भाव और मित्रता ला सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एक ऐसे कर्मयोगी हैं."
पीएम मोदी की सराहना की
भिक्खु संघसेना ने कहा, "भारत भाग्यशाली है कि उसे ऐसा महान नेता मिला है जो योग, ध्यान और वसुधैव कुटुंबकम जैसे आध्यात्मिक मूल्यों को भारत और दुनिया के सामान्य विकास में जोड़ता है."
वहीं, थाईलैंड स्थित वर्ल्ड एलायंस ऑफ बुद्धिस्ट्स (WAB) के अध्यक्ष, वेन डॉ. पोर्नचाई पलावाधम्मो भी इस 'पीस वॉक' में शामिल हुए. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं. वह बुद्ध की शिक्षाओं को समझते हैं."
पीस वॉक में कौन-कौन हुआ शामिल?
पीस वॉक यानी शांति पदयात्रा में थाईलैंड, नेपाल, वियतनाम, श्रीलंका, भूटान और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के बौद्ध भिक्षुओं के अलावा अन्य धर्मों के नेताओं, धार्मिक निकायों, भक्तों और छात्रों सहित लगभग 2,500 लोग शामिल थे.
क्या था 'पद यात्रा' का उद्देश्य?
इसका उद्देश्य शांति और सद्भाव का संदेश फैलाना था. थाई भिक्षु महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर (MIMC) लद्दाख पहुंचे थे. उन्होंने 12 जून को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से विश्व शांति के लिए पदयात्रा शुरू की थी.
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