बडगाम: 5 साल से बंद ऑक्सीजन प्लांट को सेना ने किया शुरू, रोजाना 700 सिलेंडर भरने में मिलेगी मदद
बडगाम में दोबारा शुरू किए गए इस प्लांट से घाटी के अस्पतालों और घरों में उपचार करा रहे कोरोना मरीजों के लिए अब 700 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रतिदिन की आपूर्ति हो सकेगी.
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में कोरोना से जंग में हर कोई अपना योगदान दे रहा है. ऐसी ही एक मिसाल सेना की इंजीनियरिंग कोर ने एक बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करके दी है. सेना ने ना सिर्फ प्लांट की मशीनरी की मरम्मत की, बल्कि अपने खर्चे पर मुंबई से जरूरी सामान भी मंगवाया.
बडगाम के रंगरेथ इंडस्ट्रियल एरिया में पिछले पांच सालों से एक ऑक्सीजन प्लांट (Enn Dee Gases) बंद पड़ा था. इस प्लांट में प्रतिदिन 700 ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की क्षमता थी लेकिन मशीन में तकनीकी खराबी के चलते मालिक ने इसको बंद कर दिया था.
श्रीनगर सिथित सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एमरॉन मुसाविक के अनुसार, कोरोना के चलते ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे प्रदेश में सेना ने इस बंद पड़े प्लांट को फिर से चालू करने की जिम्मेदारी उठाई. सेना ने राज्य प्रशासन के अधिकारियों, इंडस्ट्री विभाग और इस प्लांट के मालिक से मिलकर काम शुरू किया. करीब एक हफ्ते की लंबी मेहनत के बाद प्लांट को आज चालू हो गया.
पांच साल से बंद था प्लांट
प्लांट के पांच साल तक बंद रहने के कारण कई खराबियां आ गई थी और इसके लिए जरूरी पुर्जों की आपूर्ति भी भी लोकल तोर पर मुमकिन नहीं थी. इसलिए सेना ने भारतीय वायुसेना की मदद से मुंबई से जरूरी कलपुर्जे मंगवाए और चार दिन के भीतर प्लांट को चालू कर दिया.
सेना के इंजीनियरिंग विंग के अफसर नीलाद्री रॉय (EMS) के अनुसार पांच साल तक बंद रहने के चलते ऑक्सीजन प्लांट के हैवी ड्यूटी कंप्रेसर, ऑक्सीजन तो ठंडा करने वाला चिलर यूनिट और कोलुमनर एयर सेपरेटर खराब हो चुके थे. यह सभी कलपुर्जे ऑक्सीजन बनाने और सिलेंडर में भरने के लिए अहम है. सभी खराब पुर्जों को बदलने के बाद आज इस प्लांट के मॉनिफॉल्ड सिस्टम को शुरू कर ऑक्सीजन सिलेंडर की भराई शुरू कर दी गयी.
सेना की इस पहल से बडगाम जिला प्रशासन काफी खुश है और सेना का धन्यवाद कर रही है. सेना पहले ही इसी इलाके में 250 बेड का कोविड अस्पताल बनाकर सिविल अधिकारियों के हवाले कर चुकी है. इस अस्पताल में 20 वेंटिलेटर बेड के साथ-साथ 40 हाई ऑक्सीजन बेड भी उपलब्ध कराए गए हैं.
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