नई दिल्ली: आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा. हर साल सभी को बजट का इंतजार बड़ी शिद्दत से होता है और हो भी क्यों न, आखिर इसी से तय होता है कि सरकार अपनी जनता के लिए किन नीतियों और योजनाओं की घोषणा करने वाली है.
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जनता से जुड़े होने के बावजूद भी लोग नहीं जानते हैं कि आखिर इतना महत्वपूर्ण बजट तैयार कैसे होता है ? क्यों इतनी गोपनीयता बरती जाती है ?बजट पेश होने से पहले वह किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है ?
बजट की बारीकियां
भारत में सबसे ज्यादा गोपनीय कोई सार्वजनिक चीज है तो वो बजट है, वित्त मंत्री की तरफ से बजट भाषण में कही गयी बातें हो या बजट में पेश किये जा रहे प्रस्ताव, सभी को बेहद गोपनीय माना जाता है. इन्हें अच्छी तरह से छिपाकर और संभालकर रखा जाता है.
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एक तिजोरी की तरह है वित्तमंत्री का दफ्तर
दिल्ली का नॉर्थ ब्लॉक यानी वित्तमंत्री का दफ्तर सरकार के लिए एक तिजोरी की तरह है. बजट आने से कुछ दिन पहले से इस तिजोरी की सुरक्षा काफी कड़ी कर दी जाती है. इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि 2006 से भारत की खुफिया एजेंसी आइबी के एजेंट इसकी निगरानी करते हैं वे लोग दफ्तर में बजट के लिए काम कर रहे लोगों के और घरों के मोबाइल फोनों को टेप करते हैं.
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क्या है हलवा रस्म ?
बजट तैयार करने में लगभग एक दर्जन लोग काम करते हैं और वे लोग कहां जा रहे हैं, किससे मिल रहे हैं, हर बात आइबी की नजर रहती है. बजट बनाने और बजट पेश करने से पहले केंद्र सरकार की तरफ से एक खास रस्म भी निभाई जाती है.
केंद्र सरकार जब बजट पेश करने जाती है, तो उसकी छपाई से पहले एक रस्म अदायगी की जाती है, जिसे हलवा रस्म् कहते हैं इसके तहत एक बड़ी कड़ाही में हलवा तैयार किया जाता है और मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच इसे बांटा जाता है. बजट तैयार करने से पहले और बाद में सरकार को बहुत सावधानियां बरतनी पड़ती हैं.
बजट पर सावधानी
- दिल्ली का नार्थ ब्लॉक आईबी के सुरक्षा घेरे में रहता है
- बजट से पहले वित्त सचिव को जेड सिक्योरिटी मुहैया करायी जाती है
- आसपास रहती है आइबी की पैनी नजर
- वित्त मंत्रालय को नहीं मिलती ई-मेल भेजने की सुविधा
- बजट पेश होने से एक या दो दिन पहले ही छपाई के लिए भेजा जाता है
- एक विशेष प्रेस में होती है छपाई
- बेसमेंट में बनी ये विशेष प्रेस आधुनिकता से लैस है
- बजट की छपाई करने वाले लोगों को घर पर नहीं जाने दिया जाता
- ये लोग लगभग एक महीने तक कैद जैसी की स्थिति में रहते हैं
- इससे बजट से संबन्धित सुचनाएं लीक नहीं होती
इतना ही नहीं बजट बनाने के लिए सिर्फ वित्त मंत्रालय ही नहीं बल्कि कम से कम पांच मंत्रालयों के अधिकारी और विशेषज्ञ वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की मदद करते हैं.
कई मंत्रालय करते हैं माथापच्ची
- वित्त मंत्रालय
- कानून मंत्रालय
- पैट्रोलियम मंत्रालय
- रेल मंत्रालय
- रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होते हैं.
बजट बनाने से पहले मंत्रालयों की तरफ से बहुत गोपनीयता बरती जाती है.
क्यों गोपनीय रखा जाता है बजट ?
बजट की गोपनीयता के समर्थक कहते हैं कि बजट पेश होने से पहले अगर जानकारियां लीक हो गई तो इससे जमाखोरों और कर चोरों को मदद मिलती है.
भारत में कई सालों से ये बहस चल रही है कि बजट के लिए जिस तरह की गोपनीयता बरती जाती है, वह फिजूल है और उससे बाजार में सिफ डर पैदा होता है. जब प्रशासन में पारदर्शिता की बात की जा रही है, तो इस तरह की गोपनीयता क्यों बरती जाती है. ऐसा इसलिए भी है कि कई देशों में बजट ऐसा गोपनीय मुद्दा नहीं है, जैसा भारत में है मसलन अमेरिका में तो राष्टपति लोगों का समर्थन जुटाने के लिए सार्वजनिक रूप से बताते हैं कि वह बजट में क्या करना चाहते हैं.