नई दिल्लीः जहां मिडिल क्लास को इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोई खास तोहफा नहीं दिया वहीं इंडस्ट्री के लिए ये बजट एक सौगात लेकर आया है. वित्त मंत्री ने 250 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है. आम बजट 2018-19 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे समूचे सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र को फायदा होगा.


टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली कंपनियों में से 99 फीसदी एमएसएमई क्षेत्र की होती हैं. इससे वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार को अनुमानित 7000 करोड़ रुपये का राजस्व छोड़ना पड़ेगा. हालांकि, 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के सालाना कारोबार वाली कंपनियों को 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स ही देना होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स की दर को कम करने से कंपनियों के पास इंवेस्टमेंट के लिए ज्यादा पैसा उपलब्ध होगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा. जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में कॉरपोरेट टैक्स की दरों को घटाने का वादा किया था.