नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज जो बजट पेश किया है उससे साफ रूप से यही संकेत निकलकर सामने आ रहा है कि इसमें खासतौर पर गरीबों को सरकार ने पुचकारा है और मिडिल क्लास पर कड़ी मार दी है. टैक्स स्लैब के मोर्चे पर सैलरीड क्लास को कोई राहत नहीं मिली है. यहां टैक्स गुरू अश्विन तनेजा से जानिए कि इस बजट में आपकी जेब पर कितनी और कैसी मार पड़ी है.
इनकम टैक्स के मोर्चे पर मार
ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार के लिए टैक्स रेट को रिवाइज करना संभव नहीं था. लिहाजा सरकार ने सिर्फ 40 हजार रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया है. वहीं इस बजट में ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रिइंबर्समेंट जो मिल रहा था वो सरकार ने छीन लिया है. वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य पर 3 फीसदी की बजाए 4 फीसदी सेस लगाया जाएगा जिसके वजह से आपकी आमदनी पर 1 फीसदी का अतिरिक्त टैक्स लग जाएगा. हालांकि इसका आपकी आमदनी पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा, उदाहरण के लिए अगर पहले सेस के तहत आपकी आय पर 30 रुपये सेस लग रहा था तो अब से 40 रुपये सेस लगेगा.
शेयर बाजार पर भी टैक्स के मार
1 लाख रुपये तक इक्विटी से कमाई पर आपको 10 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया गया है. इसके तहत अगर अगर 1 साल के बाद शेयरों को बेचा जाता है तो 1 लाख रुपये तक की इनकम पर आपको टैक्स देना होगा. माना जा रहा है कि इससे शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों पर निगेटिव असर पड़ेगा.
सीनियर सिटीजन्स को क्या मिला
80 डी के तहत हेल्थ बीमा और मेडिकल खर्चों के लिए टैक्स छूट 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये तक पर दी गई है.
पेंशनर्स को डिपॉजिट पर 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये तक की डिपॉजिट पर टैक्स छूट मिलेगी.
80 डीडीबी के तहत सीनियर सिटीजन्स को 1 गंभीर बीमारी पर 1 लाख रुपये तक के खर्च पर टैक्स नहीं देना होगा. पहले ये सीमा सीनियर सिटीजन्स के लिए 60000 रुपये और सुपर सीनियर सिटीजन्स के लिए 80,000 रुपये थी.
Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BUDGET 2018ः जानें बजट से कैसे पड़ी आपकी जेब पर चोटः कहां पर बढ़ा टैक्स
एबीपी न्यूज वेब डेस्क
Updated at:
01 Feb 2018 04:02 PM (IST)
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज जो बजट पेश किया है उससे साफ रूप से यही संकेत सामने आ रहा है कि इसमें खासतौर पर गरीबों को सरकार ने पुचकारा है और मिडिल क्लास पर कड़ी मार दी है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -