उम्मीद है कि मोदी सरकार टैक्स छूट की सीमा बढ़ा सकती है. सवाल ये है कि टैक्स छूट कितनी बढ़ेगी और बढ़ी तो इसके मायने आम जनता के लिए और सरकार के लिए क्या होंगे?
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अनुमान है कि सरकार टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर सकती है. ऐसे में-
- 3-5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी का टैक्स लग सकता है.
- 5-10 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स का अनुमान है.
- जबकि 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी का टैक्स लग सकता है.
अगर टैक्स छूट की सीमा में 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई तो SBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल 75 लाख करदाता आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे और सरकार को करीब साढ़े 9 हजार करोड़ का नुकसान होगा. जाहिर है लोकलुभावन बजट पेश करने से पहले सरकार के जहन में ये चिंता भी होगी, क्योंकि नोटबंदी के बाद से तमाम कोशिशों के बाद सरकार 18 लाख नए लोगों को आयकर के दायरे में लाने में कामयाब हो पाई.
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अनुमानित टैक्स स्लैब से कम आमदनी वाले लोगों को फायदा दिख रहा है. 5 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को 2500 रुपये का मुनाफा हो सकता है. चुनावी साल में पेश होने वाले इस बजट में स्टैंडर्ड डिड्क्शन में छूट दी जा सकती है. यानी 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये छूट की सीमा भी बढ़ायी जा सकती है.
बजट में टैक्स स्लैब की दूसरी संभावना क्या है?
इनकम टैक्स की छूट की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद तो है लेकिन 5 लाख से ज्यादा की आमदनी वाले लोगों के लिए टैक्स छूट का दूसरा विकल्प भी हो सकता है.
आय (रु.) मौजूदा टैक्स स्लैब आय संभावित टैक्स स्लैब
2-5 लाख 0 % 2.5 लाख 0%
2.5-5 लाख 10 % 2.5-5 लाख 5%
5-10 लाख 20% 5-7.5 लाख 10%
10 लाख + 30% 7.5-10 लाख 20%
10 लाख+ 30%
लेकिन ये टैस्स स्लैब का ये विकल्प लागू हुआ तो सिर्फ 5-7.5 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं को ही फायदा होगा. वहीं, 5-7.5 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं को 25 हजार रुपये का मुनाफा होगा.