नई दिल्ली: मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और रियल इस्टेट, देश के चार बड़े सेक्टर हैं, जिनके दम पर अर्थव्यवस्था का चक्का आगे बढ़ता है. रियल एस्टेट का योगदान देश की अर्थव्यवस्था में आठ फीसदी है, लेकिन अभी संकट से जूझ रहा है. देश की 49% मैन्युफैक्चरिंग ऑटो सेक्टर में होती है और जीडीपी का 7 फीसदी हिस्सा ऑटो सेक्टर से आता है, लेकिन ये सेक्टर भी जूझ रहा है. यही हाल एक्सपोर्ट और टेक्सटाइल सेक्टर का है. जानिए इन चारों सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्या सौगात दे सकती हैं.
रियल एस्टेट- समस्याएं क्या हैं?
- 1600 हाउसिंग प्रोजेक्ट अधूरे हैं.
- 4.5 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट अधर में हैं.
- बिल्डर के पास नकदी की कमी है.
- बड़े शहरों में 13 लाख फ्लैट बिक्री के इंतजार में हैं.
- रियल एस्टेट की बदहाली से रोजगार पर असर पड़ रहा है.
समाधान क्या हैं?
- अधूरे प्रोजेक्ट जल्द पूरे हों.
- अधूरे प्रोजेक्ट के लिए विशेष फंड हो.
- अधूरे प्रोजेक्ट के खरीदारों को इनकम टैक्स राहत.
ऑटो सेक्टर
देश की 49% मैन्युफैक्चरिंग ऑटो सेक्टर में होती है और जीडीपी का 7 फीसदी हिस्सा ऑटो सेक्टर से आता है. तीन करोड़ लोगों को रोजगार देने वाला ऑटो सेक्टर 13 फीसदी एक्साइज रेवेन्यू भी सरकार को दिलाता है, लेकिन फिलहाल ऑटो सेक्टर भी संकट से जूझ रहा है.
समस्याएं क्या हैं?
- उत्पादन में 13% की कमी (अप्रैल-दिसंबर 2019)
- पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री 16% कम (अप्रैल-दिसंबर 2019)
- कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री 21% कम (अप्रैल-दिसंबर 2019)
समाधान क्या हैं?
- गाड़ियों पर GST कम हो.
- ऑटो पार्ट्स पर एक समान 18% GST लगे.
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैट्री उत्पादन को प्रोत्साहन मिले.
- लिथियम-आयन बैट्री के आयात पर टैक्स कम हो.
- पुरानी गाड़ियों को लेकर स्क्रैप पॉलिसी बने.
एक्सपोर्ट- समस्याएं क्या हैं?
- पहली तीन तिमाही में निर्यात 1% कम.
- व्यापार घाटा बढ़कर 13 लाख करोड़ रुपये.
- देश की अर्थव्यवस्था निर्यात आधारित नहीं.
- निर्यात नहीं बढ़ने से चालू खाते का घाटा बढ़ा.
- कम निर्यात का असर रोजगार, GDP पर.
दुनिया में निर्यात में भारत का हिस्सा
- भारत 1.7%
- चीन 13.73%
- अमेरिका 8.65%
समाधान क्या हैं?
- निर्यात के लिए नए देश खोजे जाएं
- वैश्विक निर्यात में भारत अपना हिस्सा बढ़ाए
- भारत में बनी चीजों की क्वालिटी बेहतर हो
- निर्यात आधारित उद्योगों में विदेशी निवेश पर फोकस
टेक्सटाइल- समस्याएं क्या हैं?
- सूती कपड़ों के निर्यात में गिरावट
- बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया निर्यात में भारत से आगे
- निर्यात कम होने से कपड़ों के कई कारखाने बंद
- हैंडलूम यूनिट पर भी निर्यात में गिरावट का असर
समाधान क्या हैं?
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