नई दिल्ली: संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 31 जनवरी से तीन अप्रैल के बीच दो चरणों में बजट सत्र की सिफारिश की है. सूत्रों के मुताबिक, बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक, दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक होगा. सूत्र ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट (Budget 2020) एक फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा.


परम्परा के मुताबिक ही साल के इस पहले संसद सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी. उस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर सरकार की भावी योजनाओं का खाका पेश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक़ उसी दिन सरकार 2019 - 20 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण भी संसद में पेश करेगी.






बजट सत्र के बीच में करीब एक महीने का अवकाश रखा जाता है. इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों, विभागों से जुड़ी संसदीय समितियां बजट आवंटन प्रस्तावों का परीक्षण करती हैं. विश्लेषकों को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में जारी नरमी को देखते हुए मोदी सरकार इस बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये उपायों की घोषणा कर सकती है.


नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बनने के बाद से ही कानून और एनआरसी को लेकर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है. ऐसे में बजट सत्र के दौरान भी ये मुद्दा छाए रहने की संभावना है. इसके साथ ही आम बजट और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर भी गर्मागर्म बहस होने की संभावना है.


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