वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए एलआईसी का आईपीओ लाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार 2021-22 में एलआईसी का आईपीओ को लेकर आएगी. इसके लिए इसी सत्र में जरूरी संशोधन किए जाएंगे. सरकार ने काफी पहले ही एलआईसी का आईपीओ लाने का फैसला कर लिया था लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इसमें देर हुई. अब वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि सरकार वित्त वर्ष 2021-22 में एलआईसी का आईपीओ लेकर आएगी. सरकार एलआईसी में 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. सरकार चरणबद्ध ढंग से एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.


आईपीओ लाने से पहले वैल्यूएशन बढ़ाने की कोशिश करेगी एलआईसी


हालांकि, आईपीओ लाने से पहले एलआईसी आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचने में कामयाब रही तो एलआईसी की वैल्यूएशन और बढ़ जाएगी इससे इसके आईपीओ को फायदा मिलेगा. आईपीओ लाने से पहले एलआईसी की वैल्यूएशन का पता करना होगा. इसके बाद एलआईसी की दूसरी लिस्टेड कंपनियों मेंअपनी हिस्सेदारी 15 फीसदी से कम करनी होगी. इसके बाद संसद में एलआईसी एक्ट में संशोधन की जरूरत पड़ेगी. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में एलआईसी की कुल वैल्यूएशन 32.8 लाख करोड़ रुपये थी.


पिछले साल जून में शुरू कर दी थी प्रक्रिया


पिछले साल जून में सरकार ने एलआईसी का IPO लाने के लिए सलाहकार कंपनियों, निवेश बैंकरों और वित्तीय संस्थानों से 13 जुलाई (2020) तक आवेदन करने के लिए कहा है. यह आवेदन एलआईसी के प्रस्तावित IPO की प्रक्रिया में परामर्श देने के लिए मांगे गए थे. एलआईसी के IPO को लेकर निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (Dipam) की मदद के लिए IPO से पूर्व दो सलाहकारों की नियुक्ति करने का प्रस्ताव था. माना जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. एलआईसी के आईपीओ से सरकार के विनिवेश कार्यक्रम को काफी रफ्तार मिलेगी.


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