नई दिल्लीः केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय आईटी कंपनियों और आईटी-बीपीएम इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की है. हालांकि, बजट में कुछ घोषणाएं हैं जो देश के टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा दे सकती हैं. सरकार ने देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित की है. इंडस्ट्री का मानना है कि इससे छोटे शहरों में ई-पेमेंट और फिनटेक फर्मों में इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा.


डिजिटल जनगणना से आईटी सर्विस कंपनियों को मिलेगा बूस्ट
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि देश पहली बार डिजिटल जनगणना 2021 देखेगा. इस प्रस्ताव से उन सॉफ्टवेयर कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा जो टेक्नोलॉजी सक्षम बैकेंड बिल्ड करेंगी.


मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के पोर्टल का रीवैम
वित्त मंत्री ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के पोर्टल MCA 21 3.0 का रीवैम भी प्रस्तावित किया है. सरकार इसको लॉन्च करने के लिए डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग का उपयोग करेगी, जो ई-स्क्रूटनी, ई-कंसल्टेंशन जैसी सुविधा जोड़ेगी. यह प्रोजेक्ट वर्तमान में इंफोसिस चला रही है और जुलाई 2021 में रिन्यूअल की उम्मीद है. प्रोजेक्ट का यह वर्जन विदेशी और भारतीय आईटी कंपनियों में अधिक रुचि पैदा कर सकता है.


हार्डवेयर कंपनियों को भी डिजिटल जनगणना से मिलेगा फायदा
पहली बार डिजिटल जनगणना का मतलब है कि हार्डवेयर कंपनियों का बिजनेस बूस्ट होगा. इससे लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन और प्रिंटर आदि की बिक्री में वृद्धि होगी.


स्टार्टअप के लिए टैक्स होलीडे
वित्त मंत्री सीतारमण ने स्टार्टअप्स के लिए टैक्स होलीडे को एक साल और बढ़ा दिया है. इससे स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय बजट 2021-22 के अनुसार स्टार्टअप्स को एक और वर्ष यानी 31 मार्च 2022 तक पूंजीगत लाभ में छूट मिलेगी.

NATS के लिए सरकार 3000 करोड़ का प्रावधान
सरकार नेशनल अप्रेंटशिप ट्रैनिंग स्कीम (NATS) पर 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें इंजीनियरिंग ग्रेजुएट और डिप्लोमा होल्डर्स को ट्रैनिंग दी जाएगी. यह भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए टैलेंट क्वालिटी को बूस्ट करने में मदद कर सकता है.


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