नई दिल्ली: बजट 2021-22 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में पेश कर दिया. जो लोग पीएफ में अधिक पैसा सेव कर टैक्स बचाना चाहते हैं उन्हें सरकार ने झटका दिया है. एक साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा प्रोविडेंट फंड जमा करने पर मिलने वाला ब्याज अब टैक्स के दायरे में आएगा.


इससे पहले 2016 के बजट में भी प्रस्ताव किया गया था कि EPF के 60 प्रतिशत पर अर्जित ब्याज को टैक्स के दायरे में लाया जाएगा. हालांकि विरोध होने पर यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया था.


2021 के बजट में यूलिप की धारा 10 (10डी) के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम पर टैक्स छूट को हटाने का प्रस्ताव किया गया है. यह मौजूदा यूलिप पर लागू नहीं होगा, केवल इस साल 1 फरवरी के बाद बेची गई पॉलिसी के लिए होगा.


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