नई दिल्ली: केंद्रीय बजट में पट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर सेस लगा दिया गया है. ये सेस 2 फरवरी से लागू हो जाएगा. सवाल ये है कि पेट्रोल-डीजल पर सेस बढ़ने से क्या अब आम आदमी की जेब ज्यादा ढीली होगी? केंद्रीय मंत्री ने सेस लगने पर डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने की आशंकाओं को खारिज कर दिया है.


केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "डीजल और पेट्रोल की कीमत नहीं बढ़ेंगी. ये भी सभी के लिए खुशी की बात है. केवल टैक्स को फिर से गठित किया गया है. सरकार ने एक्साइज कम किया है, एग्रीकल्चर सेस नया शुरू किया है. इस प्रकार पेट्रोल डीजल के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं है और ग्राहकों पर कोई बोझ नहीं है , कोई गलतफमी न रखें. कोई भी कीमतों पर बदलाव नहीं हुआ है."


बता दें, केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को सेस के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में कटौती का भी फैसला किया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि मूल उत्पाद शुल्क और पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क की दरें मौजूदा स्तरों से कम की जा रही हैं.


आसान भाषा में समझें
पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाए जाने के साथ ही मौलिक उत्पाद शुल्क (बीईडी) और विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को कम किया गया है. इस कारण कृषि सेस लगने पर भी ग्राहकों की जेब पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा.


पिछले पांच दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है, लेकिन इससे पहले जनवरी में तो इसके दामों में 10 बार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े एक विशेषज्ञ ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, "पेट्रोल और डीजल कर की वर्तमान दर इसकी उच्च खुदरा कीमतों का प्रमुख कारण है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और टैक्स को कम करना चाहिए, ताकि ऑटो ईंधन की कीमतें दायरे में रहें."


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