Budget 2021: कोरोना काल से उबरते भारत का पहला बजट, जानें इस साल कैसे बढ़ेगी देश की अर्थव्यवस्था
पिछले साल मोदी सरकार ने तीन बड़े कृषि कानून पास किए, जिनसे साल 2021 में कृषि 3.4 परसेंट बढ़ेगा, जिसकी वजह से भारत की इकॉनमी में भारी सुधार होगा.स्वास्थ्य के मद में भारत अपने जीडीपी का महज एक फीसदी ही खर्च करता है. इसकी वजह से देश के आम लोगों पर स्वास्थ्य का जो खर्चा बैठता है वो बेहद ज्यादा है.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे देश का बही खाता यानी बजट पेश करेंगी. भारत के इस बजट से देश ही नहीं दुनिया की उम्मीदें लगी हुई हैं, क्योंकि ये बजट कोरोना काल से उबरते भारत का पहला बजट होगा. कोरोना की दस्तक के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था 2020-21 की पहली तिमाही में 23.7 फीसदी गिर गई थी. बजट से पहले हर साल की तरह इस साल भी आर्थिक सर्वे आया है और इस सर्वे में उम्मीद जताई गई है कि भारत की इकॉनमी अगले एक साल में रिकॉर्ड 11 फीसदी से बढ़ेगी.
कृषि से भारत की इकॉनमी में होगा भारी सुधार
भले ही कोरोना की वजह से देश का इंडस्ट्रियल और सर्विसेज सेक्टर बुरे वक़्त से गुजरा लेकिन कृषि ने मोर्चा संभाले रखा. पिछले साल मोदी सरकार ने तीन बड़े कृषि कानून पास किए, जिनसे साल 2021 में कृषि 3.4 परसेंट बढ़ेगा, जिसकी वजह से भारत की इकॉनमी में भारी सुधार होगा.
साल 2007 में दुनिया भर के देशों को इनोवेशन के आधार पर रैंक करने की व्यवस्था शुरू हुई थी. भारत इसमें दुनिया के दूसरे देशों से लगातार पीछे रहा लेकिन साल 2020 में भारत ने कोरोना से त्रस्त होने की हालत इनोवेशन की शक्ति का अहसास किया और पहली बार इनोवेटिव देशों की सूची में भारत टॉप फिफ्टी में पहुंचा. इस सफलता का मतलब है कि भारत मध्य और दक्षिण एशिया में नंबर वन बन गया.
स्वास्थ्य के मद में भारत अपने जीडीपी का महज एक फीसदी ही खर्च करता है
भारतीय इकॉनमी की सेहत हैल्थकेयर सेक्टर में ध्यान देने से तंदरुस्त हो जाएगी, क्योंकि कोरोना काल में हैल्थकेर में सबसे ज़्यादा दबाव पड़ा है. स्वास्थ्य के मद में भारत अपने जीडीपी का महज एक फीसदी ही खर्च करता है. इसकी वजह से देश के आम लोगों पर स्वास्थ्य का जो खर्चा बैठता है वो बेहद ज्यादा है.
एक आंकड़े के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों को अपने जेब से 65 फीसदी तक खर्च करना पड़ता है. अगर भारत सरकार इस वजट को एक फीसदी या 2 फीसदी तक बढ़ा देती है तो लोगों के जेब से खर्च होने वाली रकम आधी से भी कम हो जाएगी. बीमार होने की वजह से जिस तरह लोग गरीब हो जाते हैं, उसमें कमी आएगी. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के जरिए जो करना चाहते हैं उसे बिना स्वास्थ्य बजट बढ़ाए हासिल करना मुश्किल है.
यह भी पढ़ें-
जनवरी में GST कलेक्शन ने तोड़े अब तक के सारे रिकार्ड, एक लाख 20 हजार करोड़ के करीब पहुंचा आंकड़ा
Budget Survey 2021: बजट में लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन की उम्मीद, इनकम टैक्स को लेकर भी है ये आशा