Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आज वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया है. इस बजट पर टिप्पणी करते हुए नीति आयोग (Niti Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये आज के बजट को भारत के विकास का सूर्योदय बताया है. उन्होंने कहा कि भारत की वर्तमान आवश्यकता उसका डिजटलीकरण है और उसके पर्यावरण को हरा-भरा रखे जाने की जरूरत है. यह बजट इसी की बात करता है.
अमिताभ कांत ने कहा कि यह शहरीकरण, स्वच्छ बिजली, रोजगार के नये अवसरों और डिजिटल रुपयों को बढ़ावा देने की बात करता है. वहीं वित्त मंत्री के आज के बजट पर विपक्षी पार्टियों और शीर्ष नेताओं ने भी अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है.
क्या रही देश के शीर्ष नेताओं की बजट पर प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि वर्ष 2022-23 के लिए पेश आम बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्य वर्ग, गरीबों, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. मध्य वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.’’
वहीं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 2022-23 के आम बजट को ‘पेगासस स्पिन बजट’ करार दिया. उन्होंने कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है. इसके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने इसे विजन वाला बजट करार दिया है.
विजन पेश करने वाला बजट
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ये बजट एक विजन पेश करता है कि इस साल और आने वाले सालों में देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार कैसी रहेगी. ये बजट विजन वाला बजट है और स्पष्ट तौर पर तरक्की को नई दिशा देने पर काम करने में मददगार साबित होगा.
युवाओं की आजीविका पर आपराधिक प्रहार
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने आरोप लगाया कि आम बजट में नौकरियों के सृजन एवं शहरी रोजगार गारंटी का उल्लेख नहीं किया गया और मनरेगा के बजट में भी बढ़ोतरी नहीं हुई, जो युवाओं की जीविका पर ‘आपराधिक प्रहार’ है.
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