Budget Conclave 2023: 'PM Modi बहुत ही Demanding Boss हैं', जानिए ऐसा क्यों बोले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव
Ashwini Vaishnaw On Budget: रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजट की तारीफ करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच बताई. इसके अलावा उन्होंने रेलवे में भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी.
ABP Budget Conclave 2023: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश कर दिया है. इस बजट में रेलवे को 2.40 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. पिछले बजट से यह धनराशि करीब 9 फीसदी ज्यादा है. रेलवे के लिए भारी भरकम बजट मिलने से रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव काफी खुश हैं. बजट पर रेलमंत्री ने एबीपी न्यूज से बातचीत की और इस बजट का कहां कितना इस्तेमाल होगा, उसका पूरा लेखाजोखा पेश किया.
बजट से खुश रेलमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डिमांडिंग बॉस बताया. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जी बहुत डिमांडिंग बॉस हैं. जितना काम लेकर जाओ, उससे ज्यादा मांगते हैं." रेलमंत्री ने यह बात बुलेट ट्रेन की ओपनिंग डेट को लेकर कही. बुलेट ट्रेन को लेकर उन्होंने कहा, "बड़ा मुश्किल टारगेट है, लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री जी रिव्यू लेते रहते हैं और जापान की सरकार का सहयोग मिल रहा है, तो टारगेट पूरा हो जाएगा."
कब पटरी पर उतरेगी बुलेट ट्रेन?
बुलेट ट्रेन के पटरी पर उतरने की तारीख घोषित करते हुए रेलमंत्री वैष्णव ने कहा, "अगस्त 2026 तक बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट है." उन्होंने कहा, "बुलेट ट्रेन का बहुत तेजी से काम चल रहा है. अभी जापान के प्रधानमंत्री ने अपने बहुत सीनियर सहयोगी को भेजा और वे बहुत आश्चर्यचकित थे कि इतने कम समय में इतनी तेजी से काम कैसे चल रहा है. पूरी कोशिश है कि अगस्त 2026 तक पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर उतार दी जाए."
'दुनिया का ग्रोथ इंजन बनकर उभरेगा भारत'
पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहूंगा. आर्थिक स्तर पर पूरे विश्व में स्थित बहुत खराब है, ऐसे समय में हिंदुस्तान एक बहुत ब्राइट स्पॉट की तरह उभरा है. इसके पीछे प्रधानमंत्री जी की सोच और सोची समझी आर्थिक नीति है. बहुत ही कंसिस्टेंट नीति है और बजट में यह नीति बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई दी. बजट में उसे और आगे ले जाया गया है. जिससे हिंदुस्तान दुनियाभर की ग्रोथ का ग्रोथ इंजन बनकर उभरेगा.
तेजी से बिछ रहीं नई पटरियां
यह बहुत बड़ा चेंज है. 10 साल पहले हिंदुस्तान को फ्रीजाइल्ड 5 में माना जाता था. पॉलिसी पैरालिसिस की बाते होती थीं, अब ऐसी परिस्थिति है कि सारी दुनिया हिंदुस्तान को रे ऑफ होप की तरह देखती है. हिंदुस्तान से ही दुनियाभर की ग्रोथ संभव है. आज से 8 साल पहले तक एकदिन में मात्र 4 किमी तक नई पटरियां बिछती थी. इस साल 12 किमी प्रतिदिन तीन गुना ज्यादा उछाल है. इस साल साढ़े 4 हजार किमी नई पटरियों का टारगेट है. अगले साल 7 हजार किमी. का टारगेट लेंगे.
इस साल चलने लगेगी वंदे मेट्रो
रेलवे पिछले 8 वर्षों में बहुत बड़े बदलाव हुए हैं. पहले की तुलना में आज रेलवे स्टेशन साफ-सुधरे, टॉयलेट्स अच्छे हैं. अब इस लेवल को एक नए लेवल पर ले जाने का प्रधानमंत्री का सपना है. इस बजट आवंटन से 1,275 रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास का बनाया जाएगा. वंदे भारत का प्रोडक्शन तेजी से किया जाएगा. दो शहरों के बीच वंदे मेट्रो को डिजाइन किया गया है. इस साल के मिडिल तक उसका डिजाइन कंपलीट करके उसका प्रोडक्शन भी शुरू किया जाएगा.
देश में चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन
बजट में ग्रीन ग्रोथ को काफी महत्व दिया गया है. रेलवे इस साल के अंत तक हाइड्रोजन ट्रेन लेकर आएगा. दुनिया में सिर्फ दो या तीन देश हैं, जिनके पास हाइड्रोजन ट्रेन हैं. बहुत सारा काम है. इंफ्रास्टक्चर में अगर हम एक रूपया लगाते हैं तो उसका अर्थव्यवस्था में असर होता है साढ़े 3 रुपये के बराबर. देश में जब 10 लाख करोड़ का इंफ्रास्टक्चर में इंवेस्टमेंट होता है, तो 35 लाख करोड़ का इ असर इकॉनमी में होता है. अब 35 लाख करोड़ के इकॉनमिक इंपैक्ट से इस साल करीब 1 करोड़ 40 लाख के रोजगार क्रिएट होगा. इस 35 लाख रुपये के इंवेस्टमेंट से करीब 18 लाख रुपये MSME के सेक्टर में जाएगा. उसका अलग इंपैक्ट आएगा.
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