Union Budget 2023: बजट पेश करने के दौरान क्या हुआ ऐसा...संसद में लगे ठहाके, पीएम मोदी भी नहीं रोक पाए हंसी
Union Budget 2023 : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त बजट पेश कर रहीं थी, अचानक उनके मुंह से निकले एक शब्द ने गंभीर बैठे सांसदो को ठहाका मारने को मजबूर कर दिया.
Finance Minister Union Budget Speech 2023 : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत का बजट पेश कर रहीं थी, अचानक उनके मुंह से निकले एक शब्द ने गंभीर बैठे सांसदो को ठहाका मारने को मजबूर कर दिया. खुद प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य विपक्षी नेता अपनी हंसी नहीं रोक पाए और ठहाका मार-कर हंस दिए.
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण के दौरान जब पुराने हो चुके वाहनों को रिप्लेस करने की बात कर रहीं थी तभी उनके मुंह से गलती से पुराने राजनीतिक सिस्टम को रिप्लेस करने की बात मुंह से निकल गई, और उन्होंने तुरंत सॉरी बोला, राजनीतिक सिस्टम को रिप्लेस करने की बात सुनकर सभी सांसद हंस दिए.
क्या बोल गईं वित्त मंत्री?
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, " व्हीकल रिप्लेसमेंट पॉलिसी, पुराने वाहनों को रिप्लेस किया जाना एक जरूरी और महत्वपूर्ण नीति है, जो पुराने पॉलिटिकल...ओह्ह सॉरी, (सुधार करते हुए) जो पुराने पोल्युटेड वाहनों को रिप्लेस करने पर काम करेगी, यह पॉलिसी भारत की ग्रीन पॉलिसी को बढ़ावा देगी."
उनकी इसी गलती पर पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री समेत विपक्ष की सुप्रिया सुले, डिंपल यादव समेत सभी सांसद अपनी हंसी नहीं रोक सके.
महिलाओं के लिए बड़े एलान
खबर लिखे जाने तक वित्त मंत्री ने 7 लाख रुपये तक इनकम टैक्स माफ कर दिया. देश की महिलाओं के लिए भी उन्होंने बड़े एलान किए. वित्त मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत महिला सम्मान बचत पत्र का एलान किया जा रहा है और उनके लिए न्यू सेविंग स्कीम आएगी. 2 साल के लिए इसमें निवेश कर सकेंगे और महिलाएं इसमें 2 लाख रुपए जमा कर सकेंगी जिस पर 7.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. कोई भी महिला या लड़की खाता खुलवा सकेगी और इसमें से पैसे निकालने के लिए शर्तें होंगी. ये महिला कल्याण के लिए एक बड़ा कदम इस बजट में उठाया जा रहा है.
MSME के लिए बड़े एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि क्रेडिट गारंटी एमएसएमई (MSME) के लिए रीवैंप स्कीम आएगी. 1 अप्रैल 2023 से 9000 करोड़ उद्योगों को क्रेडिट के रूप में दिया जाएंगे.