Union Budget 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का गुरुवार (01 फरवरी, 2024) को अपना अंतरिम बजट 2024 पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं. इसी क्रम में कर्नाटक में कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने कुछ ऐसा बोल दिया, जिस पर बवाल मचा हुआ है. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई भी दी.
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता ने गुरुवार (01 फरवरी) को कहा कि जब फंड देने की बात आती है तो दक्षिण भारत को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है. इसके बाद उन्होंने कहा कि इससे आखिरकार उन्हें देश के दक्षिणी हिस्से के लिए एक अलग देश की मांग करनी पड़ेगी.
‘एक अलग देश की मांग के लिए...’
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए डीके सुरेश ने कहा, “केंद्र सरकार फंड आवंटित करते समय दक्षिण भारत की अनदेखी कर रही है. वे उत्तर भारत, विशेषकर हिंदी पट्टी के लिए अधिक फंड आवंटित करते हैं. यह नहीं बदल रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह हमें हिंदी पट्टी से अलग होने और एक अलग देश की मांग करने के लिए उकसाएगा. हमें वह जरूर मिलना चाहिए जिसके हम हकदार हैं.”
क्या कहा सफाई में?
बाद में इस पर सफाई देते हुए डीके सुरेश ने कहा कि वह एक "गर्वित भारतीय और कांग्रेसी" के रूप में भारत की एकता और अखंडता के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, "एक गौरवान्वित भारतीय और एक गौरवान्वित कन्नडिगा! दक्षिण भारत और विशेष रूप से कर्नाटक को धन वितरण में अन्याय की क्रूरता का सामना करना पड़ा है. दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी योगदान देने वाला राज्य होने के बाद भी, केंद्र कर्नाटक और दक्षिणी राज्यों के साथ पूरी तरह से अन्याय कर रहा है, जबकि गुजरात जैसे राज्यों में 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. यह अन्याय नहीं तो क्या है?"
बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया ये आरोप
वहीं, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डीके सुरेश पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी विभाजनकारी राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा, “एक समय में कांग्रेस सरदार पटेल जैसे नेताओं वाली पार्टी थी, जिन्होंने भारत को एक विविध लेकिन एकीकृत राष्ट्र में तब्दील करने के लिए काम किया. आज की राहुल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व डीके सुरेश जैसे लोग कर रहे हैं जो भ्रष्टाचार के आरोपी कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई हैं, जो जमानत पर बाहर हैं. उनका एजेंडा उत्तर-दक्षिण संघर्ष और तुष्टिकरण की राजनीति से लोगों को बांटना है.”
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