'केंद्र से चाहिए ज्यादा पैसा तो केरल को पिछड़ा राज्य घोषित कीजिए', जॉर्ज कुरियन के बयान पर मचा सियासी बवाल
Union Budget 2025: केंद्रीय राज्य मंत्री कुरियन के बयान की आलोचना करते हुए केरल के सीएम ने बजट 2025 को खासकर वायनाड के लिए निराशाजनक बताया.

Union Budget 2025: केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के एक बयान पर केरल में भारी राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. उन्होंने कहा कि अगर केरल को केंद्र से अधिक फंड चाहिए, तो उसे खुद को पिछड़ा घोषित करना होगा. यह बयान बजट 2025 के बाद आया है, जिसमें विपक्ष का आरोप है कि केरल को बजट में नजरअंदाज किया गया है.
सत्तारूढ़ वाम दलों ने केंद्रीय मंत्री के इस बयान को केंद्र सरकार के ‘केरल विरोधी’ रुख का प्रतीक बताया. माकपा के वरिष्ठ नेता एम. वी. गोविंदन और ई. पी. जयराजन ने केंद्रीय बजट 2025 और राज्य के लिए आवंटन की कमी की कड़ी आलोचना की. वहीं, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल, और विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि 24,000 करोड़ रुपये के विशेष वित्तीय पैकेज और वायनाड पुनर्वास योजना समेत राज्य की कई मांगों को अनदेखा किया गया.
केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने दी सफाई
मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि केंद्र सरकार विशेष वित्तीय पैकेज केवल उन्हीं राज्यों को देती है जो विभिन्न पैमानों पर पिछड़े होते हैं.
केरल सरकार का केंद्र पर आरोप
राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने केंद्रीय बजट को ‘अत्यंत निराशाजनक’ और ‘राजनीतिक भेदभाव से ग्रस्त’ करार दिया. उन्होंने कहा कि वायनाड में भूस्खलन से हुए नुकसान के लिए कोई राहत पैकेज नहीं दिया गया. विझिनजाम बंदरगाह, जो देश के सबसे महत्वपूर्ण निर्यात प्रोत्साहन परियोजनाओं में से एक है, उसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया. राज्य के लिए कोई महत्वपूर्ण संस्थान आवंटित नहीं किया गया.
भाजपा पर केरल विरोधी नीति अपनाने का आरोप
माकपा के राज्य सचिव एम. वी. गोविंदन ने भाजपा पर ‘हमेशा केरल विरोधी रुख अपनाने’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केरल मानव विकास सूचकांक, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में देश में अग्रणी रहा है. राज्य को पिछड़ा बताने की केंद्र की सोच गलत है. भारत एक अखंड राष्ट्र है और सभी राज्यों को समान न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने जनता से केंद्रीय मंत्री के बयान के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराने की अपील की.
बता दें कि केंद्रीय बजट 2025 के बाद केरल की राजनीति में बजटीय भेदभाव और फंडिंग को लेकर विवाद तेज हो गया है. राज्य सरकार और विपक्ष ने केंद्र सरकार पर केरल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है, जबकि केंद्र का तर्क है कि विशेष वित्तीय पैकेज उन्हीं राज्यों को मिलते हैं जो पिछड़े माने जाते हैं.
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