Exclusive: बजट कॉन्क्लेव में बोले राकेश टिकैत- किसानों के बच्चों का मोबाइल खर्च वहन करे सरकार, वर्क फ्रॉम होम से बढ़ गया इंटरनेट का इस्तेमाल
Budget Conclave: संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता ने आगे कहा कि स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा कि मोटा अनाज आना चाहिए. पहले देश का खानपान मोटा अनाज था.
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Rakesh Tikait On Budget: संयुक्त किसान मोर्च के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम बजट कॉन्क्लेव में एमएसपी समेत कई चीजों पर जोरदार तरीके से अपनी बातें रखी. सरकार की तरफ से पेश किए गए आम बजट के बाद उन्होंने कहा कि केन्द्र ने कहा था कि किसानों से फसलों की सीधी खरीद करेंगे और सीधा उनके बैंक एकाउंट में पैसा जाएगा. लेकिन, एमएसपी की जितनी भी फसलें हैं खासकर गन्ना उसे डिजिटल फसलों से जोड़ने की मांग की थी. लेकिन सरकार इसे नहीं जोड़ रही है.
राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों के फसलों की बात ना करें तो क्या करें. सरकार बताए कि उसने पिछले साल कितनी खरीद की थी. किसानों के बच्चों के मोबाइल का खर्चा सरकार को करना चाहिए, क्योंकि जब से घर से पढ़ाई शुरू हुई है तब से इंटरनेट का खर्चा बढ़ गया है. एक परिवार में अगर तीन-चार बच्चें है तो उनका मोबाइल का खर्च बढ़ गया है. ऐसे में सरकार को कम से कम एक साल इंटरनेट पर खर्च वहन करने का एलान करना चाहिए था.
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संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता ने आगे कहा कि स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा कि मोटा अनाज आना चाहिए. पहले देश का खानपान मोटा अनाज था. सरकार को इसे प्रमोट करना चाहिए और इसके लिए नीति लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वे भाव दे दे, वे जो चाहेंगे किसान उपजाकर उन्हें दे देंगे.
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. उन्होंने मांग की कि सरकार बताएं कि किसान कितने दाम पर सरकार अपनी फसलों को बेच रहे हैं. टिकैत ने सवाल किया कि यहां के किसानों को प्रमोट करने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है. उन्हें सवाल किया कि एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीद के क्या मायने हैं.
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