Budget 2022: केंद्र ने मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2022-23 (Budget 2022) में ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम मनरेगा (MNREGA) के लिये 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए. यह मौजूदा वित्त वर्ष के लिये संशोधित आकलन से 25.51 प्रतिशत कम है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पिछले साल के बजट में भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. हालांकि, बाद में काम की अधिक मांग के कारण इसे संशोधित कर 98,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
बता दें कि मनरेगा का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय वर्ष में हर परिवार के लिये कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी प्रदान करना है. इस योजना के तहत वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से तैयार हों.
पहले चरण में यह योजना दो फरवरी 2006 से 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू की गई थी, बाद में इसे एक अप्रैल, 2007 से 113 और 15 मई 2007 से 17 अतिरिक्त जिलों तक बढ़ा दिया गया था. बाकी जिलों को एक अप्रैल, 2008 से अधिनियम के तहत शामिल किया गया था. अधिनियम में अब देश के सभी ग्रामीण जिले शामिल हैं.
बता दें कि मनरेगा एक रोजगार गारंटी योजना है. इस योजना को साल 2009 में लागू किया गया था. इस योजना में काम करने के लिए व्यक्ति को अपने संबंधित ब्लॉक में आवेदन देना होता है. आवेदन के दौरान उन्हें केवल आधार कार्ड और बैंक खाते के विवरण की जरूरत होती है.