Vegetables Price Hike: सब्जियों के दाम से आम जनता का डगमगाया बजट, आखिर एक महीने में 3-4 गुना क्यों बढ़ी कीमतें?
Vegetables Price Hike: एक तरफ जहां ईंधन के दामों में भी वृद्धि दर्ज हुई, वहीं सब्जी के दाम भी बजट गड़बड़ा सकते हैं. खाद्य तेलों के भाव पहले से आसमान पर थे. रसोई गैस भी लगातार महंगी होती जा रही है.
Vegetables Price Hike: रोज तेजी से बढ़ रही महंगाई से फिलहाल आम लोगों को राहत मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही है. एक तरफ जहां ईंधन के दामों में भी वृद्धि दर्ज हुई, वहीं सब्जी के दाम भी बजट गड़बड़ा सकते हैं. खाद्य तेलों के भाव पहले से आसमान पर थे. रसोई गैस भी लगातार महंगी होती जा रही है. वहीं सितंबर में सब्जियों के दाम कई गुना बढ़ गए. इस वृद्धि का कारण जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम ओखला मंडी पहुंची. जहां पाया कि टमाटर थोक बाजार में 45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है तो शिमला मिर्च 100 रुपये किलो, धनिया 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.
एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (APMC) के सदस्य अनिल मल्होत्रा और मंडी के थोक विक्रेता इंचार्ज ने कहा कि मानसून के समय अक्सर फसलें खराब होती है. इस बार बरसात देरी से होने के कारण फसलें बहुत ज्यादा खराब हुई. किसान से सब्जियां खरीदने वाले को इस वक्त 50 हजार से 1 लाख रुपये तक प्रति गाड़ी पर नुकसान हो रहा है. पेट्रोल 100 रुपये लीटर हो जाए तो सब्जी कहां से 10 रुपये किलो मिलेगी? 8 से 9 रुपये किलो तो किराया ही किराया है. एक महीने पहले तक एक लाख रुपये में बैंगलोर से गाड़ी का आना और जाना हो जाता था.
भाड़े में इजाफा
उन्होंने कहा कि आज एक लाख 25 हजार से एक लाख 40 हजार तक का भाड़ा लग रहा है यानी 30 से 35 हजार महंगे ईंधन के कारण ट्रांसपोर्टेशन का भाड़ा बढ़ गया है. सरकार को राहत देनी चाहिए. टमाटर 40-45 रुपये प्रति किलो बिक रही है. वहीं शिमला मिर्च 70-100 रुपये किलो है. एक महीने पहले 19 रुपये किलो बिक रही थी. 20 रुपये किलो की लागत सिर्फ किराये की लग रही थी. धनिया अब 60-70 रुपये किलो है. घिया एक महीने पहले 3 से 5 रुपये किलो था लेकिन अब 15 से 20 रुपये प्रति किलो हो गया है.
अनिल मल्होत्रा का कहना है कि थोक में टमाटर लेकर जाने वाले खरीदारों में भी कमी आ गई है. सब्जी खराब भी निकलती है. उस पर ट्रांसपोर्टेशन लगता है. मौसम की मार तो है ही. थोक विक्रेता इंचार्ज विजय अहूजा ने बताया कि प्याज एक महीने पहले 18 -20 रुपये किलो था लेकिन अब 30-45 रुपये किलो थोक में है. प्याज इस समय महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आ रहा है. वहीं मटर 120-150 रुपये किलो बिक रही है. वहीं आलू इस समय 10 रुपये प्रति किलो है. वहीं विक्रेताओं का माल इतना बिक नही रहा.
इसके अलावा थोक मंडी में नई अदरक 40 रुपये प्रति किलो तो पुरानी अदरक 100 रुपये किलो तक पहुंच गई है. वहीं लहसुन 140 रुपये प्रति किलो बिक रहा है जो कि चीन से आ रहा है. भारतीय लहसुन एक महीने पहले 120 प्रति किलो था अब 140 प्रति किलो हो गया है. वहीं रिटेल में तो सब्जियों के दाम और ज्यादा हैं. सेंट्रल दिल्ली की एक रिटेल दुकान से सब्जियों के ताजा दाम पता किए तो हैरान करने वाले दाम सामने आए.
रिटेल में टमाटर 70 रुपये किलो, प्याज 50 रुपये किलो, आलू 150 रुपये धड़ी, शिमला मिर्च 200 रुपये किलो, पालक 100 रुपये किलो तक दाम पहुंच गए हैं. बता दें कि मानसून में आई देरी से सितंबर में हुई तेज बारिश और पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते हुए दाम से ट्रांसपोर्टेशन की बढ़ती लागत का नतीजा ये हुआ कि एक महीने में सब्जियों के दाम करीब तीन गुना बढ़ गए हैं. थोक विक्रेताओं के अनुसार नई फसल की पैदावार होने पर ही सब्जियों के दाम सामान्य हो पाएंगे.
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