नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नए कृषि कानूनों का बचाव किया है और इसे किसानों के हित में बताया है. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि नए कानून से किसानों को कई बड़े अधिकार मिले हैं. कृषि कानूनों को लेकर सरकार की पीठ थपथपाते हुए उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून से छोटे किसानों को लाभ मिलना शुरू हो गया है. बजट सत्र से पहले अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की कोशिश है कि इन कृषि सुधारों के जरिए किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. अभिभाषण के दौरान उन्होंने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पहले तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं.
मौजूदा सरकार की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ''इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हो गया. छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था.''
नए कृषि कानूनों से पुरानी व्यवस्थाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा
राष्ट्रपति ने कहा, ''मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं. कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है. इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है.''
सेंट्रल हॉल में अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ''मौजूदा वक्त में इन कानूनों को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. मेरी सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए इसका पालन करेगी.''
आज से बजट सत्र की शुरुआत
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस बार का बजट देश के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ये इस दशक का पहला बजट है. मुझे विश्वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ जनता ने हमें संसद भेजा है, हम जन आकांक्षाओं के देखते हुए इस सत्र को सफल बनाएंगे.
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