Parliament Budget Session 2023: संसद के बजट सत्र के सोमवार (13 मार्च) से शुरू हो रहे दूसरे चरण में सरकार की प्राथमिकता वित्त विधेयक को पारित कराने की रहेगी. वहीं विपक्षी दल, गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग और अडानी समूह (Adani Group) से जुड़े मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे. बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान दोनों सदनों में रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी दलों की बैठक सोमवार को सुबह होगी.


कांग्रेस नेता के. सुरेश ने कहा कि उनकी पार्टी अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे को उठाना जारी रखेगी और सरकार से सवाल पूछेगी क्योंकि सत्र के पहले चरण में इस बारे में सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया था. विपक्षी दलों की ओर से सत्र के दूसरे चरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विपक्षी नेताओं पर छापा मारने के मुद्दे को भी उठाने की संभावना है. विपक्षी दलों ने गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी आलोचना की है.


सरकार की प्राथमिकता वित्त विधेयक


संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पीटीआई को बताया कि सरकार की प्रमुख प्राथमिकता वित्त विधेयक को पारित कराने की है. उन्होंने कहा कि सत्र के दूसरे चरण में रेलवे, पंचायती राज, पर्यटन, संस्कृति, स्वास्थ्य सहित कई मंत्रालयों से जुड़ी अनुदान की मांगों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि बाद में विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के लिए प्रस्तावित अनुदानों की मांगों और उनसे संबंधित विनियोग विधेयक को ‘गिलोटिन’ (बिना चर्चा के) के माध्यम से मंजूरी दी जायेगी. 


13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा सत्र


मेघवाल ने कहा कि इसके बाद वित्त विधेयक पारित किया जायेगा. इसके बाद हम विपक्ष की ओर से उठाये गए मुद्दों पर ध्यान देंगे. हमारी पहली प्राथमिकता वित्त विधेयक पारित कराने की होगी. फिर हम विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा करेंगे. गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को हुई थी जिस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया था. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा. 


टीएमसी उठाएगी ये मुद्दे


सोमवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का बजट भी पेश करेंगी. उक्त विषय सोमवार के लिए लोकसभा की कार्यसूची में सूचीबद्ध हैं. सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस एलआईसी, एसबीआई के समक्ष संभावित खतरे, महंगाई, बेरोजगारी, केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के मुद्दे को उठायेगी.


तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने हाल ही में कहा था कि एलआईसी से जुडे निवेश प्रभाव खतरे, महंगाई जैसे विषयों का आम लोगों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और तृणमूल कांग्रेस इन विषयों को उठायेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के विषय को भी उठायेगी. 


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