Budget Session 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को एक तरफ बीजेपी ने ऐतिहासिक बताया तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह चुनावी फायदे के लिए था. बीजेपी ने बीआरएस और आम आदमी पार्टी पर भी सियासी हमला किया है. 


बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार (31 जनवरी) को कहा. ''आज देश के ​लिए बहुत ही ऐतिहासिक अवसर था क्योंकि भारत की प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने संसद का बजट सत्र शुरू करने के लिए अभिभाषण पढ़ा. ये बहुत दुख की बात है कि इतने महत्वपूर्ण अवसर पर सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस (BRS) और आम आदमी पार्टी ने इसका बहिष्कार किया.''


'मर्यादा का अपमान है'


पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वो इन दलों से सवाल पूछते हैं कि आपने बहिष्कार क्यों किया? ये भारत के राष्ट्रपति की मर्यादा के साथ-साथ देश की संसदीय परंपरा और मर्यादा का भी अपमान है. उन्होंने साथ ही सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की कि हमारे-आपके विरोध होंगे लेकिन हम कुछ तो स्तर रखेंगे. 


'वादों को पूरा नहीं किया'


बीआरएस के नेता के. केशव राव ने कहा कि केंद्र सरकार शासन के सभी मोर्चों पर विफल है, इसके विरोध में उनकी पार्टी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी. AAP के नेता संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पूरे सम्मान के साथ, हम संसद के संयुक्त सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है और उसने अपने वादों को पूरा नहीं किया.


कांग्रेस ने क्या कहा? 


शशि थरूर ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन ऐसा लग रहा था कि केंद्र सरकार अपना अगला चुनाव अभियान उनके माध्यम से चला रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि वे उन चीजों को छोड़ रही थीं जिनमें सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. हम इसके लिए प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू को जिम्मेदार नहीं कह सकते क्योंकि भाषण केंद्र सरकार ने लिखा था.


बता दें कि बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में विकास और विरासत पर सरकार के काम को रेखांकित करते हुए कहा कि उसने कोई भेदभाव किए बिना सभी के लिए काम किया है. 


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