Budget Session 2024: संसद सत्र की कार्यवाही आज से शुरू हो गई है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा, 'मैं देश के सभी सांसदों से अनुरोध करना चाहता हूं कि गत जनवरी से लेकर अब तक हमें जितना संघर्ष करना था. किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन अब वो दौर खत्म हो चुका है, जनता ने अपना फैसला सुना दिया है.'


उन्होंने आगे कहा,  'सभी दलों से कहना चाहता हूं कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें. जनवरी 2029 के चुनावी साल में आप कोई भी खेल खेल लें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए अपनी भागीदारी निभानी चाहिए." इसी बीच पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. 


पवन खेड़ा ने साधा निशाना 


कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'जिस व्यक्ति ने दस साल तक देश का गला घोंटा और आवाज़ दबाई, वो आज प्रतिपक्ष के आवाज़ उठाने पर रुदन करता हुआ बेहद कमज़ोर दिख रहा था. 


उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिपक्ष पर अशोभनीय  टिप्पणी के साथ आज मानसून सत्र की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री का ढाई घंटे तक गला घोंटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये याद दिलाना ज़रूरी है कि पिछले दस साल के उनके अन्याय काल में पूरे देश का दम घोंटा गया, जिसकी सज़ा जनता ने उन्हें दी है. पीएम मोदी भूल गए हैं कि वो बहुमत की सरकार के पीएम नहीं, दो दलों के सहयोग से चलने वाली एनडीए सरकार के एक तिहाई प्रधानमंत्री हैं.'


'मोदी सरकार शब्द के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए'


कांग्रेस नेता ने आगे कहा,  'उन्हें मोदी सरकार शब्द के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए और खुद को लोकतांत्रिक साबित करना चाहिए.' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निम्न मुद्दों पर जवाब देने को भी कहा.



  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्मरण कराना उचित होगा कि जब पीएम मोदी ये भाषण दे रहे थे, उस वक्त देश के 32 लाख छात्रों की आवाज़ को दबाने और उनके साथ आपकी सरकार के अन्याय के खिलाफ देश का सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.

  • आप जब अपने अहंकार और झूठ से लबालब भाषण दे रहे थे तो आपको बताना ज़रूरी होगा कि देश के 15 से अधिक अग्निवीर देश के लिए प्राणों की आहुति का सपना अपने दिल में रख कर आत्महत्या के लिए मजबूर हो चुके है.

  • जब मोदी ये भाषण दे रहे थे, तब देश के पचास करोड़ किसान अपने खेत और अपनी खेती को बचाने के लिए आपके हर दमन, हर अत्याचार को सहते हुए आंदोलन कर रहे हैं, जिनका आपने ढाई साल से गला घोंट रखा है. हर घंटे 19 किसान.मजदूर अपना गले में फंदा पहन कर जान देने को मजबूर हैं प्रधानमंत्रीजी. 

  • उन्होंने  कहा, 'आपने सही कहा प्रधानमंत्रीजी, संसद देश के लिए है. वो किसी राजा का दरबार नहीं है. लिहाजा प्रतिपक्ष वहां देश के युवाओं, किसानों, जवानों,मजदूर, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों के दर्द को आवाज़ संसद में उठाने को मजबूर है.


अपने भाषण में मोदी बनाम देश बना दिया 


प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर उन्होंने कहा , 'सच्चाई तो यह है कि आपने अपने भाषण में मोदी बनाम देश बना दिया है. हमारा संसदीय दायित्व है कि देश की आवाज़ उठाने के लिए हम आपको बार.बार टोकें, बार.बार रोकें. आपको भी समझना होगा कि देश की तात्कालिक ज़रूरत और तकलीफ से जुड़े सवालों को हर काम छोड़ कर सुनना ज़रूरी है.


उन्होंने आगे कहा, 'अब गुरूर छोड़ गरिमा अपनाईए मोदीजी, आपने पिछले दस साल सिर्फ अपनी बात कही है, आपको किसने क्या कहा, और हरदम आपकी पीड़ा सुनाने का समय गया. अब देश ने आपको तीसरा मौका अपनी बात सुनाने का दिया है. देश के संसद चलवाइए, संगोल वाला राजदरबार मत बनाइए.