(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'दूध महंगा, खून सस्ता हमारे देश में', बजट पर इमरान प्रतापगढ़ी का शायराना अंदाज, बोले- फिल्में टैक्स फ्री, कफन पर GST
Imran Pratapgarhi Speech: कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने राज्यसभा में बजट सत्र चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर निशाना साधा.
Imran Pratapgarhi Speech in Parliament: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने संसद के बजट सत्र में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शायराना अंदाज में निशाना साधा. कांग्रेस सांसद ने अंतरिम बजट में किए गए प्रावधानों को लेकर पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर हमला बोला. चर्चा के दौरान सांसद ने कहा कि मोदी सरकार इसको 'अमृत काल' का बजट बता रही है लेकिन सही मायने में यह सरकार का 'अंतिम बजट' है.
इमरान प्रतापगढ़ी ने सदन में मोदी सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेरा. कांग्रेस सांसद ने इस बजट को 'अमीरों का, अमीरों के लिए' करार देते हुए कहा कि गरीबों, बेरोजगारों और युवाओं के लिए कुछ नहीं है. पुरानी पेंशन की बहाली मांग करने वालों को इसमें कुछ नहीं दिया गया. सालों से छत्त तलाशने वालों को बजट में कुछ नहीं दिया गया है.
उन्होंने शायरी पढ़ते हुए कुछ इस तरह से कहा, ''देश ये कैसा बनाया आपने, लूटकर पैसा बनाया आपने. देखिए जलते दिये भी बुझ गए, ये कैसा दीपक राग गाया आपने.''
'बीजेपी शासित राज्यों में गरीबों के घरों पर चल रहे बुलडोजर'
सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आरोप लगाते हुए कहा, "2022 में सभी को पक्के मकान देने का वादा किया गया था लेकिन बीजेपी शासित राज्यों की सरकारें गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उनके सिर से छत्तें छीनने का काम कर रही हैं." उन्होंने इस बात को सदन में बजट चर्चा के दौरान जोर शोर से उठाया कि उत्तर प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में बीजेपी सरकार के बुलडोजर लोगों के घरों पर चल रहे हैं.
युवा बेरोजगारी पर भी सरकार पर हमला बोला
इमरान ने युवा बेरोजगारों को लेकर बजट में पेश किए गए आंकड़ों को बाजीगरी करार देते हुए सरकार पर कई सवाल दागे. इस दौरान सरकार पर शायराना अंदाज में निशाना साधते हुए चार पंक्तियां भी बजट चर्चा के दौरान प्रस्तुत करते हुए कहा, ''झील में पानी बरसता है हमारे देश में, खेत पानी को तरसता है हमारे देश में, जिंदगी का हाल खस्ता है हमारे देश में, दूध महंगा, खून सस्ता है हमारे देश में.''
'जनसरोकार के मुद्दों पर सरकार गंभीर नहीं'
कांग्रेस सांसद ने रोजगार, महंगाई, किसान, मनरेगा, पेट्रोल-डीजल की कीमतों, गैस सिलेंडर के दाम, फसलों की एमएसपी की गारंटी आदि को लेकर भी सरकार पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि इन सभी जनसरोकार के मुद्दों पर मोदी सरकार का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने दस सालों के दौरान किए गए वादों को झूठा करार देने के लिए किस्सा भी सदन में सुनाया.
'बजट में सरकार ने किए खोखले और झूठे वादे'
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "गरीबों की बात करने वाली सरकार ने आम लोगों के खाने पीने की चीजों आटा, चावल, दूध, दही, पनीर, छाछ, आटा सभी पर जीएसटी लगा दिया है. फिल्मों पर 'टैक्स फ्री' करने वाले 'कफन' तक पर जीएसटी वसूल कर रहे हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में सरकार खोखले और झूठे वादे कर रही है. कांग्रेस सांसद ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप को बंद किए जाने का मुद्दा उठाते हुए नाराजगी जाहिर की. साथ ही यह भी कहा कि अल्पसंख्यक विभाग का बजट घटा दिया गया है तो कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास' करने की बात कह रहे हैं.
देश ये कैसा बनाया आपने, लूटकर पैसा बनाया आपने
— Congress (@INCIndia) February 7, 2024
देखिए जलते दिये भी बुझ गए, ये कैसा दीपक राग गाया आपने
- नौकरी मांगने पर लाठियां बरसाने वालों, आपने इस बजट में युवाओं को क्या दिया?
- OPS बहाली की मांग करने वालों को आपने इस बजट में क्या दिया?
- फुटपाथ और झुग्गियों में रहने वालों को… pic.twitter.com/5NtUiWmfDX
उन्होंने 'बेटी पढाओ- बेटी बचाओ' योजनाओं पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने ट्रेनों और रेल यात्रियों की सुरक्षा और उनकी दुर्दशा का मामला भी उठाया. इसको लेकर सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. 'वंदे भारत' योजना की आलोचन करते हुए कहा कि ट्रेनों के स्लीपर कोच की हालत देख लीजिए.
मिडिल क्लास के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार फिल्मों पर टैक्स फ्री कर देगी लेकिन छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म की फीस माफ नहीं कर सकते. किताबों पर भी सरकार ने जीएसटी की मार डाली हुई है.
'अगली बार पेश होगा न्याय का बजट'
नौकरी देने का वादा करने का मामला सदन में उठाते हुए सांसद प्रतापगढ़ी ने कहा कि हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का दावा करने वाली यह सरकार 10 साल में युवाओं को जॉब नहीं दे पाई. इस सरकार के कंधों पर 20 करोड़ नौकरियों का बोझ है. उन्होंने कहा कि 2024 में यह सरकार इन नौकरियों के बोझ के तले दब जाएगी. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम का जिक्र करते हुए कि अगली बार यहां 'न्याय का बजट' पेश होगा. इसकी बात राहुल गांधी देश में कर रहे हैं.