नई दिल्ली:  आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो जाएगी. संसद का ये सत्र सुचारू रूप से चले, इसके लिए कल शाम सरकार और लोकसभा स्पीकर ने सभी दलों की बैठक बुलाई. हालांकि सरकार की सहयोगी शिवसेना इस बैठक से नदारद रही. शिवसेना का ये रवैया मोदी सरकार के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है.  हाल ही में शिवसेना अगला लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा भी कर चुकी है. इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच गहरे मतभेद भी है.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद पहली बार संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. बजट सत्र से पहले हुए बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘’संसद में चर्चा के दौरान राजनीति आड़े आ जाती है. अब जो चर्चा हम करें वो व्यवस्था परिवर्तन के लिए हो, क्योंकि व्यवस्था परिवर्तन में ही देश का विकास निहित है.

बैठक में सरकार ने उम्मीद जताई कि तीन तलाक जैसे लंबित विधेयक इस सत्र में पारित हो जायेंगे. वहीं, विपक्ष का कहना है कि किसान, रोजगार, महंगाई, विभिन्न समुदाय के बीच हिंसा के वातावरण, न्यायपालिका में उठे बवंडर जैसे मुद्दे भी वो उठाएंगे. हालांकि कांग्रेस की तरफ से इतना ही कहा गया कि बजट सत्र का पहला हिस्सा केवल बजट पास कराने में ही निकल जाता है. इसलिए मुद्दों के लिए अगले हिस्से का इंतजार करेंगे.

संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में चलेगा. पहला हिस्सा आज से शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा .दूसरा हिस्सा 5 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र में सरकार की सबसे बड़ी चुनौती पुराने अटके हुए बिलों को पास कराना होगा. सरकार की कोशिश होगी कि सदन की कार्रवाई बिना हंगामे के चले.