Budget Session: संसद में बुधवार (2 फरवरी) का दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. अडानी समूह (Adani Group) से जुड़े मुद्दों को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों को चलने नहीं दिया. इसका परिणाम ये हुआ कि जाम्बिया से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल को सदन की कार्यवाही देखे बिना ही लौटना पड़ा. 


सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में जाम्बिया से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल के मौजूद रहने की जानकारी दी वैसे ही पूरा सदन मेज थपथपाने की आवाज से गूंज उठा. उम्मीद जगी कि जाम्बिया के प्रतिनिधिमंडल के सदन के विशिष्ट दीर्घा में मौजूद रहने तक सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 


संसदीय प्रतिनिधिमंडल का अभिवादन होते ही समूचा विपक्ष हंगामा करने लगा. इस दौरान कई सांसद सदन के वेल में आ गए. विपक्षी सांसद अडानी ग्रुप के मामले को लेकर नारेबाजी करने लगे.  इस कारण सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. 


मामला क्या है? 


राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खरगे के कमरे में समूचे विपक्षी दलों की एक बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि अडानी वाले मामले पर दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी. विपक्षी पार्टी इस मसले पर संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किसी जांच समिति से निष्पक्ष जांच करवाए जाने की मांग कर रहे हैं.  


'एक अच्छा संदेश दिया जाए'


बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां सब को अपनी बात रखने और विरोध करने का अधिकार है, लेकिन क्या ऐसा नहीं हो सकता कि कम से कम कुछ मौकों पर राजनीतिक बातों को भूल कर एक अच्छा संदेश दिया जाए. 


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