आज से शुरू होगा बजट सत्र का दूसरा चरण, बढ़ती कीमतों और किसान आंदोलन पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जो आज से शुरू होगा उसमें काफी हलचल रहने की संभावना है क्योंकि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास ये अच्छा मौका है. वहीं सरकार भी विभिन्न मुद्दों पर अपना पक्ष साफ करेगी और सियासी फायदा लेने की पूरी कोशिश करेगी.
नई दिल्लीः संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है. इस चरण में सरकार का मुख्य एजेंडा बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा और वित्त विधेयक पर चर्चा और उन्हें पारित करवाना होता है. हालांकि सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब बंगाल समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है और चुनाव अभियान ज़ोर पकड़ने लगा है. ऐसे में तय माना जा सकता है कि इन चुनावों की गूंज संसद में भी सुनाई देगी. सभी पार्टियां संसद को भी चुनावी अभियान के एक मंच के तौर पर इस्तेमाल करना चाहेंगी. कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने संकेत दिए हैं कि न सिर्फ बजट बल्कि कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है. इनमें सबसे पहले किसान आंदोलन का मुद्दा है. आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए हैं और ऐसे में सरकार पर आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत कर आंदोलन खत्म करवाने की मांग की जाएगी.
पेट्रोल-डीजल के दामों पर सरकार को घेरने की तैयारी होगी पेट्रोल , डीज़ल और एलपीजी के दाम आसमान छू रहे हैं और विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र विपक्ष की कोशिश सरकार को कठघरे में खड़ा करने की होगी. महंगाई के सवाल पर विपक्षी पार्टियां लगातर सरकार पर हमले कर रही हैं. कोरोना के मामलों में एक बार फिर तेज़ी देखी जा रही है और इस मसले पर भी विपक्ष की ओर से सवाल पूछे जाएंगे. वहीं डिजिटल मीडिया के लिए बनाए गए नए नियमों पर भी विपक्ष ने सरकार को घेरने के संकेत दिए हैं.
बजट की अनुदान मांगों और वित्त विधेयक पर संसद की मुहर लगवाना सरकार का लक्ष्य जहां तक सरकारी कामकाज का सवाल है तो बजट सत्र के इस भाग में सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य बजट की अनुदान मांगों और वित्त विधेयक पर संसद की मुहर लगवाना होता है. मंगलवार से लोकसभा में बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हो जाएगी. सबसे पहले रेलवे की अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू की जाएगी. इनके अलावा जिन प्रमुख बिलों पर सबकी नज़र रहेंगी उनमें शामिल हैं
द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 इस बिल में भारत में एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने का प्रावधान है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक़ इस बिल को मोदी सरकार फ़िलहाल ठंडे बस्ते में डालने पर विचार कर रही है और इसपर जल्द फ़ैसला ले लिया जाएगा
द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ दिल्ली (एमेंडमेंट) बिल 2021 ये दिल्ली में एलजी और मुख्यमंत्री के शक्तियों के बंटवारे से जुड़ा एक अहम बिल है. फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में बिल महत्वपूर्ण है. बिल का मक़सद नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ दिल्ली एक्ट, 1991 में संशोधन कर एलजी और मुख्यमंत्री की शक्तियों को परिभाषित करना है.
द कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडजॉइनिंग एरियाज बिल 2021 इसमें पहले वाले अध्यादेश की जगह इस बिल को लाया जाएगा और अध्यादेश पराली जलाने पर जुर्माने के प्रावधान से जुड़ा था. आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार से बातचीत के दौरान इस अध्यादेश पर आपत्ति जताई थी जिसे सरकार ने मान लिया था.
द इलेक्ट्रिसिटी (एमेंडमेंट) बिल, 2021 इस बिल को लेकर भी किसान संगठनों को कुछ आपत्तियां थीं जिसे सरकार ने दूर करने का भरोसा दिया था
मोदी सरकार भी तैयार मोदी सरकार और बीजेपी भी सत्र का पूरा फ़ायदा उठाने की कोशिश करेगी ताकि अपनी बात लोगों तक पहुंचा सके. किसान आंदोलन को लेकर सरकार ने अपना रुख़ पहले ही साफ़ कर दिया है. हालांकि सरकार को महंगाई के सवाल पर जवाब देने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
विपक्ष के लिए भी बजट सत्र है चुनौती वैसे विपक्ष की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि विधानसभा चुनावों के चलते उनके सांसदों को अपने अपने क्षेत्र में चुनाव अभियान भी संभालना है. कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस और डीएमके विपक्ष की ओर से सबसे बड़ी पार्टियां हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के सांसद जहां बंगाल के चुनाव अभियान में व्यस्त रहेंगे , वहीं डीएमके के सांसदों को तमिलनाडु में चुनाव अभियान और संसद के कामकाज के बीच संतुलन बिठाना आसान नहीं होगा. वहीं कांग्रेस के ज़्यादातर सांसद तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों से आते हैं और दोनों ही राज्यों में चुनाव है. यही नहीं , लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बंगाल से आते हैं और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं. ज़ाहिर है उनके लिए चुनाव की व्यस्तता और संसद की ज़िम्मेदारियों के बीच सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा.
आज लोकसभा के बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक आज लोकसभा के बिजनेस एडवाइजरी कमिटी ( कार्य मंत्रणा समिति ) की शाम को बैठक बुलाई गई है जिसमें इस हफ़्ते के लिए लोकसभा के एजेंडा पर चर्चा होगी. बजट सत्र के इस भाग के 8 अप्रैल तक चलने की संभावना है.
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