बुद्ध पूर्णिमा: वेसाक समारोह में बोले पीएम मोदी- कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, दुनिया में अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रहेगा
प्रधानमंत्री ने कहा, ''हम पिछली एक सही में ऐसी महामारी नहीं देखी. यह महामारी कई लोगों के दरवाजे पर दुख और दर्द लेकर आयी. महामारी ने सभी देशों को प्रभावित किया है. आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान हुआ है. हमारा ग्रह कोरोना के बाद पहले जैसा नहीं रहेगा. भविष्य में घटनाओं को कोरोना से पहले और कोरोना के बाद के तौर पर याद किया जाएगा.''
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर वेसाक वैश्विक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मानव ने दशकों में ऐसे संकट का सामना नहीं किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में घटनाओं को कोरोना से पहले और कोरोना के बाद के तौर पर याद किया जाएगा.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''पिछले साल भी मैंने वैसाक पर इस कार्यक्रम को संबोदित किया था. यह कार्यक्रम कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स के सम्मान में था. एक साल बाद हम देख रहे हैं कि निरंतरता और बदलाव का संयोग देख रहे हैं. कोरोना खत्म नहीं हुआ है, भारत समेत कुछ देशों में दूसरी लहर आयी है. मानव ने दशकों में ऐसे संकट का सामना नहीं किया.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''हम पिछली एक सही में ऐसी महामारी नहीं देखी. यह महामारी कई लोगों के दरवाजे पर दुख और दर्द लेकर आयी. महामारी ने सभी देशों को प्रभावित किया है. आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान हुआ है. हमारा ग्रह कोरोना के बाद पहले जैसा नहीं रहेगा. भविष्य में घटनाओं को कोरोना से पहले और कोरोना के बाद के तौर पर याद किया जाएगा.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''एक बार फिर अपने फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स, डॉक्टरों, नर्सों को सलाम करता हूं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. मैं शोक व्यक्त करता हूं.''
बता दें कि यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से करता है. इसमें दुनिया भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुख शामिल होंगे. पीएमओ के मुताबिक इस समारोह को दुनिया के 50 से अधिक प्रमुख बौद्ध धार्मिक नेता संबोधित करेंगे. वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति और महा परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है.