नई दिल्ली: कर्नाटक के श्रीनिवास गौड़ा सुर्ख़ियों में है. 1 फरवरी को कंबाला यानी बैलों के साथ होने वाली दौड़ में उन्होंने 100 मीटर की दूरी 9.55 सेकेंड में पूरी की, इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उन्हें भारत का 'उसैन बोल्ट' कहने लगे. आज उन्होंने फिर सुर्खियां बटोरी क्योंकि देश के खेल मंत्री किरण रिजिजू ने श्रीनिवास गौड़ा की प्रतिभा को निखारने के लिए दिल्ली बुलाया है और उसका एलान भी कर दिया.


दरअसल, यह मामला सोशल मीडिया के जरिए सुर्खियों में आया. 1 फरवरी को जब बेंगलुरु के मूडबिद्री में 'कंबाला' यानी कि बैलों की दौड़ हुई. इस दौड़ में बैलों की जोड़ी के साथ श्रीनिवास गौड़ा दौड़ रहे थे. इस बैल दौड़ में उन्होंने 142.5 मीटर की दूरी 13.62 सेकेंड में पूरी की और यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. लोग सोशल मीडिया पर उन्हें भारत का उसैन बोल्ट कहने लगे.


इसके बाद यह वीडियो कई जगह से होता हुआ उद्योगपति आनंद महिंद्रा के पास भी पहुंचा उन्होंने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू को भी टैग किया. इसके बाद यह वीडियो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव के पास भी पहुंचा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि "अगर ऐसी प्रतिभा को उपयुक्त ट्रेनिंग दी जाए तो वह निश्चित रूप से देश का नाम रोशन कर सकते हैं मेरी शुभकामनाएं हैं".


 बीजेपी नेता के इस ट्वीट पर खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मुरलीधर राव को जवाब देते हुए लिखा "मुरलीधर राव जी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने गौड़ा को संपर्क किया है, दिल्ली आने के लिए उनका रेल का टिकट भी करवा दिया गया है, सोमवार को वह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सेंटर पहुंच जाएंगे, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि देश के सर्वोत्तम राष्ट्रीय कोच उनके ट्रायल के समय मौजूद रहे, नरेंद्र मोदी जी और हमारी टीम देश खेल की प्रतिभाओं को पहचानने और उनके लिए वह सब कुछ करेगी जो जरूरी है.''





श्रीनिवास गौड़ा खुद अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं. वे कहते हैं कि "देश के लोग उनकी तुलना अमेरिका की धावक उसैन बोल्ट से कर रहे हैं जबकि वे विश्व चैंपियन है और मैं तो कच्चे खेतों और मिट्टी में दौड़ने वाला धावक हूं"


इससे पहले भी केंद्र सरकार कि खेल मंत्रालय ने कई खिलाड़ियों और ऐसी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें परिपाटी से हटकर ट्रायल और ट्रेनिंग ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की है. जाहिर तौर पर देश के कोनों में छिपी ऐसी प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती थी लेकिन सोशल मीडिया की ताकत ने उनको सरकार के दरवाजे तक पर खड़ा कर दिया है.