अनोखा भैंसा: कीमत 14 करोड़, खाना काजू-बादाम, घी और मक्खन करता है चट
इस भैंसे की कीमत पिछले साल की तुलना में बढ़कर 14 करोड़ हो गई. मतलब 100 किलो के बदले 2 करोड़ की बढ़ोतरी. तो क्या ऐसा कभी आपने मोल भाव देखा होगा?
नई दिल्ली: क्या आपने एक भैंसे की कीमत 14 करोड़ रुपये सुनी है ? क्या आपने ये भी सुना है कि भैंसा दूध पीता है, काजू-बादाम खाता और मक्खन भी चट कर जाता है. और हां, इसके मालिक को इसकी खुराक पर महीने में डेढ़ लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. अब आप सोच रहे होगें कि आखिर ये कैसा भैंसा है ? तो जान लीजिए ये बिल्कुल सच है. कोई बढ़ा चढ़ाकर भैंसा के बारे में नहीं बताया गया है. अगर जानना ही चाहते हैं तो तो हम बता देते हैं अजमेर में आयोजित पुष्कर मेला की बाबत.
यहां खरीद बिक्री के लिए लाये गये सैकड़ों मवेशियों से अलग एक भैंसे की विशेष रूप से चर्चा रही. ‘मुर्रा’ नस्ल के भैंसे ने हजारों लोगों को अपनी ओर खींचने पर मजबूर कर दिया. मेले में पांच हजार जानवरों के बीच ‘भीम’ नाम के भैंसे को लाया गया. भीम के आते ही लोग दांतों तले अंगुली दबाने के मजबूर हो गये. जोधपुर से आये भीम के मालिक ने इसकी कीमत 14 करोड़ लगाई. इतना सुनना था कि लोग अचंभित होकर उछल गये. पिछले साल भीम की कीमत 12 करोड़ थी और वजन 1200 किलोग्राम. लेकिन इस बार ‘भीम’ का वजन बढ़ने के साथ उसकी कीमत भी बढ़ गई. इस बार भैंसे का वजन 1300 किलोग्राम था. और पिछले साल की तुलना में कीमत बढ़कर 14 करोड़ हो गई. मतलब 100 किलो के बदले 2 करोड़ की बढ़ोतरी. तो क्या ऐसा कभी आपने मोल भाव देखा होगा ?
‘भीम’ के खुराक के बारे में भी जान लीजिए
भीम रोजाना एक किलो घी, आधा किलो मक्खन, 25 लीटर दूध, 1 किलो काजू-बादाम खा जाता है. इसके खुराक पर महीने का डेढ़ लाख खर्च हो जाता है. भीम के मालिक कहते हैं,” मेला में आने से पहले भैंसे की चार करोड़ बोली लग चुकी थी. लेकिन मैंने इसे नहीं बेचा. हम यहां आकर मुर्रा नस्ल के भैंसे का संरक्षण का संदेश देना चाहते हैं.” पुष्कर कस्बे में हर साल कार्तिक शुक्ल एकादशी से शुरू होकर पूर्णिमा तक पुष्कर मेला लगता है. इसकी पहचान मवेशियों समेत ऊंटों की खरीद-फरोख्त के लिए होती है. पुष्कर मेले में देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर साल आते हैं. मेले के कुछ खास आकर्षणों में यहां के कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं. यहां पारम्परिक लोक नृत्य, लोक संगीत, घूमर, गेर, माण्ड और सपेरा जैसे लोक नृत्य देखने को मिलता है. पुष्कर तीर्थ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पूरे भारत में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का यहां इकलौता मंदिर है. यहीं पर पुष्कर झील भी है.