Rajnath Singh: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेने और भविष्य की सभी चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम और एक मजबूत आत्मनिर्भर 'न्यू इंडिया' बनाने का आह्वान किया. ग्रेटर नोएडा में एक सम्मेलन में युवा शोधकर्ताओं से राजनाथ ने कहा कि देश के उज्ज्वल युवा मस्तिष्क में 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की क्षमता है, उन्हें देश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेनी चाहिए और गहन शोध के माध्यम से नए विचारों के साथ सामने आना और देश को ऊंचाइयों पर ले जाना चाहिए. इन बातों को बनाए रखते हुए आने वाले समय में युवा टेक्नोलॉजी के हर क्षेत्र में एक केंद्रीय भूमिका निभाएंगें.


गहन शोध पर ध्यान करना जरूरी


रक्षा मंत्री ने छात्रों से इंटरनेट जैसे नए तरीकों के अलावा पारंपरिक स्रोतों जैसे रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुस्तकालयों और पुराने कागजातों के मदद से गहन शोध पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया. राजनाथ सिंह ने छात्रों से दुनिया भर में हो रहे नए विकास के साथ बने रहने का आग्रह किया, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया कि सांस्कृतिक परंपराएं और वैल्यू बचा कर रखें.


पुराने कल्चर को नही भूलना चाहिए


राजनाथ सिंह ने कहा, "ग्लोबलाइजेशन के इस युग में, दुनिया कई माध्यमों से आपस में जुड़ी हुई है. इसलिए, विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, शिक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सिस्टम को समझना जरूरी है. जबकि हम एक 'नए भारत' के निर्माण में लगे हैं. हमारा मार्गदर्शक 'अतीत का भारत' और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएं होनी चाहिए. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका और विजन का रिवैल्युएशन करने की आवश्यकता है, कुछ लोग इसे इतिहास को दोबारा लिखना कहते हैं लेकिन, मैं इसे पाठ्यक्रम का सुधार कहता हूं".


भारत आज नई ऊंचाइयों को छू रहा


रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा, "भारत आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का ध्यान 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के विजन के अनुसार हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में है. इसका उद्देश्य  कोलोनियल  मानसिकता से बाहर आते हुए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर 'आत्मनिर्भर भारत' हासिल करना है, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था".


सरकार ने कॉलोनियल मेंटैलिटी से आजादी दिलाई


राजनाथ सिंह ने देश को कॉलोनियल मेंटैलिटी से मुक्त करने के लिए सरकार के तरफ से उठाए गए कई कदमों का जिक्र किया. इनमें राजपथ का नाम कर्तव्य पथ रखना, इंडिया गेट परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा की स्थापना, नेताजी को श्रद्धांजलि के रूप में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के तीन द्वीपों का नाम बदलना, मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से प्रेरित भारतीय नौसेना की नई पताका और ब्रिटिश काल के सैकड़ों कानूनों को समाप्त करना शामिल था. उन्होंने कहा, "भारत समृद्ध विविधता और बहुत संभावनाओं का देश है और सरकार देश को मजबूत और 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए उस क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए आगे बढ़ रही है."


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