लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोवंश का मांस मिलने के बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा ने कल एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की जान ले ली. सभी के मन में अफसोस के साथ कुछ सवाल हैं कि आखिर समाज कहां जा रहा है? कैसे भीड़ गोमांस की वजह से पुलिस अधिकारी तक को अपना शिकार बना लेती है? इस भीड़ का अगला शिकार कौन होगा? यही सवाल सुबोध सिंह के बेटे अभिषेक ने भी रुंधी आवाज में पूछी है.


अभिषेक ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''मेरे पिता मुझे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा ना फैलाए. आज इस हिंदू-मुस्लिम झगड़े की वजह से मेरे पिता की जान चली गई, कल किसके पिता की जान जाएगी?''





सोमवार को बुलंदशहर के चिंगरावठी गांव में गोवंश का मांस मिलने की खबर मिली. इलाके में भीड़ एकत्रित होने लगी. जिसके बाद स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने कुछ घंटों के भीतर दो दफे भीड़ को समझाया. भीड़ मान भी गई. लेकिन अचानक भीड़ के उग्र होने की खबर मिली. इसी दौरान गोलियां चली, पथराव हुए, थाने में तोड़फोड़ की गई, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई. इस दौरान सुमित नाम के शख्स की भी मौत हो गई.


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इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने 27 लोगों को खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जिसमें बजरंग दल, वीएचपी और बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का नाम है.