Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बुलडोजर (Bulldozer) की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी. दरअसल, जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) की याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसमें बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट से सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. जिस पर कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि इस तरह का आदेश कैसे दिया जा सकता है. दवे ने कोर्ट से आगे कहा कि, अखबार में छपा है कि असम में हत्या के एक आरोपी के पिता का मकान गिरा दिया. एमपी में एक लड़का-लड़की के साथ भाग गया जिसके बाद उसका घर-दुकान गिरा दिया गया. हमें यह व्यवस्था नहीं चाहिए.
8 अगस्त तक सभी पक्ष लिखित जवाब दाखिल करें- कोर्ट
सॉलिसीटर ने इस पर कहा कि, हमें याचिकाओं पर एतराज है. कानूनी तौर पर की जा रही कार्रवाई को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की जा रही है. फिर भी कोर्ट जब सुनेगा तभी हम अपनी बात रखेंगे. जवाब में दवे ने कहा कि, हो सकता है कि अवैध निर्माण ही तोड़े गए हो. हमारा एतराज इसी बात का है कि फिर सब पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? दिल्ली का सैनिक फार्म अवैध है, 50 साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस सबके बाद कोर्ट ने अगली तारीख देते हुए 10 अगस्त को सुनवाई की बात की. उन्होंने कहा कि, 8 अगस्त तक सभी पक्ष लिखित जवाब दाखिल कर दें.
उत्तर प्रदेश ने दाखिल किया था जवाब
बता दें, योगी सरकार ने कानपुर से लेकर प्रयागराज समेत उत्तर प्रदेश कई शहरों में हुई हिंसा के बाद अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर एक्शन लिया था. इन कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, यूपी सरकार जानबूझकर मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई करने में लगी है.
बताते चले, यूपी सरकार ने इस पूरे मामले पर जवाब दाखिल किया था. सरकार ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में हुई अवैध निर्माण पर कार्रवाई कानून के तहत ही हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद याचिका दाखिल कर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. सरकार की ओर से कहा गया कि इस याचिका को खारिज कर दिया जाए.
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